चुम्बकीय आघूर्ण
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चुम्बकीय आघूर्ण (Magnetic moment) –
किसी चुंबक के ध्रुव प्राबल्य और उसकी प्रभावी लंबाई (दोनों ध्रुवों के बीच की दूरी ) के गुणनफल को उस चुंबक का चुंबकीय आघूर्ण कहते हैं। इसे M से प्रदर्शित करते हैं।
यदि M ध्रुव प्राबल्य के किसी चुंबक की प्रभावी लंबाई 2l हो , तो उसका चुंबकीय आघूर्ण
M = m × 2l
चुंबकीय आघूर्ण एक सदिश राशि है। इसकी दिशा दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर चुंबकीय अक्ष के अनुदिश होती है।
सदिश रूप में , M→ = m × 2l→
इसका मात्रक एंपीयर – मीटर 2 ( Am2) है।
चुंबकीय द्विध्रुव (Magnetic Doople) –
जब समान प्राबल्य के दो विजातीय ध्रुव एक दूसरे से अल्प दूरी पर होते हैं , तो वे चुंबकीय द्विध्रुव कहलाते हैं।
दंड चुंबक , चुंबकीय सुई , धारावाहि लूूप , धारावाही कुंडली , धारावाहि परिनालिका आदि चुंबकीय द्विध्रुव होते हैं।
द्विध्रुव आघूर्ण (Dipole Moment) –
किसी चुंबकीय द्विध्रुव के ध्रुव प्राबल्य और उसके दोनों ध्रुवों के बीच की दूरी के गुणनफल को उस चुंबकीय द्विध्रुव का चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण कहते हैं।
यदि चुंबकीय द्विध्रुव का ध्रुव प्राबल्य m तथा उसके ध्रुवों के बीच की दूरी 2l हो , तो
चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण M = m × 2l
Biot and savart law , magnetic induction
Ampere’s force law , magnetic inductuon
Divergence of magnetic induction , B , vector potential , The lorentz condition
Faraday’s law of induction and lenz’s law , electromagnetic induction
नोट –
धारा लूप का चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण M = I A
जहाँ I बहने वाली धारा तथा A क्षेत्रफल हैं। यदि फेरों की संख्या n हो , तो
M = n I A
ब्रूस्टर का नियम (Brewester’s law )
अनुदैर्ध्य तरंग में ध्रुवण क्यों नहीं होता ?
आवेशों का संरक्षण किसे कहते हैं
क्लोरीन के उपयोग (Uses of chlorine)