धारावाही वृत्तीय कुण्डली का चुम्बकीय क्षेत्र

धारावाही वृत्तीय कुण्डली का चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field of Circular Coil Carrying Current)

धारावाही वृत्तीय कुण्डली का चुम्बकीय क्षेत्र

एक तार को वृत्त के रूप में मोड़कर एक क्षैतिज गत्ते में बने दो छिद्रों में से इस प्रकार गुजारते हैं

 कि उसका केन्द्र गत्ते पर रहे।जब इस वृत्तीय कुण्डली में धारा प्रवाहित करके बल रेखाएं खीचते हैं तो हम पाते हैं कि तार के पास ये बल रेखाएं संकेन्द्री वृत्तों के रूप में होती हैं , किन्तु दूर हटने पर इनकी वक्रता कम होने लगती है।

कुण्डली के केन्द्र पर ये बल रेखाएं लगभग समान्तर होती हैं।

अतः कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र एकसमान होता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र कुण्डली के तल के लम्बवत् होता है।

धारावाही वृत्तीय कुण्डली का चुम्बकीय क्षेत्र

यदि कुण्डली का तल कागज में स्थित है और कुण्डली में धारा की दिशा दक्षिणावर्त है तो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कागज के तल के लम्बवत् नीचे की ओर होती है।

इसके विपरीत यदि धारा की दिशा वामावर्त है तो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कागज के तल के लम्बवत् ऊपर की ओर होती है।

डिजिटल सिग्नल किसे कहते हैं?

जानिए ,  डिजिटल सिग्नल (Digital Signal) –

डिजिटल सिग्नल असतत सिग्नल होता है , जो केवल असतत (Discrete) समयों पर ही परिभाषित होता हैं। यह स्पंदों (Pulses) का एक समूह होता है।

डिजिटल सिग्नल में धारा या वोल्टेज के मान सतत (Continuous) नहीं होते , अपितु दो स्तर के ही होते हैं , जिन्हें 0 या 1 से प्रदर्शित किया जाता है।

0 OPEN, OFF अथवा LOW को तथा 1 CLOSED, ON अथवा HIGH को प्रदर्शित करता है।

डिजिटल सिग्नल में 2 के आधार पर द्वि – आधारी संख्या पध्दति का उपयोग किया जाता है।

डिजिटल सिग्नल पर आधारित परिपथ को डिजिटल परिपथ कहते हैं।

बेस बैंड सिग्नल और बैण्ड-चौड़ाई (Base Band Signal and Band Width)

संचार तंत्र का उद्देश्य सूचनाओं या संदेश सिग्नलों का प्रेषण करना होता है।

संदेश सिग्नल मे केवल एक ही आवृति नहीं होती , अपितु यह आवृत्तियों का समूह (Band) होता है।

अतः संदेश सिग्नल को बेस बैंड सिग्नल भी कहते हैं तथा किसी सिग्नल में आवृत्तियों के परास को बैण्ड-चौड़ाई कहते हैं।

बैण्ड-चौड़ाई का मान सिग्नल में उपस्थित उच्चतम और न्यूनतम आवृत्तियों के अंतर के बराबर होता है।

उदाहरण :-

1. श्रव्य तरंगों की आवृत्ति 20Hz और 20kHz के बीच होती है। अतः इसकी बैण्ड-चौड़ाई लगभग 20kHz होती है।

2. दृश्य सिग्नल (Video signal) की बैण्ड-चौड़ाई 4.2 MHz होती है।

3. T.V. सिग्नल की बैण्ड-चौड़ाई 6MHz होती है।

4. वाक सिग्नल (Speech signal) की आवृत्ति 300Hz से 3100Hz तक होती है। अतः इसकी बैण्ड-चौड़ाई 3100 – 300 = 2800Hz होती है।

थॉमसन द्वारा e/m का निर्धारण :-

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Author: educationallof

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