मेसर किसे कहते हैं

मेसर किसे कहते हैं

जानिए , मेसर किसे कहते हैं

मेसर एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता से एक तीव्र, एकवर्णी, समान्तर तथा उच्च कला सम्बद्ध अदृश्य माइक्रो-तरंग पुंज प्राप्त किया जाता है।

लेसर की तरह मेसर भी कार्य करता है किन्तु मेसर में दृश्य प्रकाश तरंगें पुंज के स्थान पर माइक्रो तरंग पुंज प्राप्त होता है।

MASER शब्द अंग्रेजी के वाक्य “Microwave Amplification by Stimulated Emission of Radition” का संक्षिप्त रूप है।

मेसर, लेसर के पूर्व ही बनाया गया था।

मेसर में भी लेसर की तरह किसी माध्यम में समष्टि प्रतिलोमन (Population inversion) द्वारा उत्तेजित अणुओं की संख्या में वृद्धि कर,

उन पर उपयुक्त आवृत्ति की सूक्ष्म तरंगें (Microwaves) गिरायी जाती है

जिससे सूक्ष्म तरंगों का उद्दीपित उत्सर्जन (Stimulated emission) होने लगता है।

अमोनिया गैस मेसर ( Amonia gas maser)—

सर्वप्रथम जे. पी. गोर्डन (J. P. Gordon), एच. जे.जीगर (H. J. Zeiger) एवं सी. एच. टाउन ने संयुक्त रूप से मेसर प्राप्त किया।

अमोनिया का अणु प्रतिलोमन (Inversion) का गुण प्रदर्शित करता है।

अमोनिया के अणु में दो ऐसे ऊर्जा स्तर होते हैं

जिनका अन्तर 24000 मेगा हर्ट्ज आवृत्ति वाले विकिरण- फोटॉन की ऊर्जा के बराबर होता है।

अमोनिया गैस मेसर ( मेसर किसे कहते हैं)

अमोनिया गैस मेसर के मुख्यतः तीन भाग होते हैं

(i) भट्टी (Oven),

(ii) बेलनाकार पृथक्कारी (Cylindrical Separator) और

(iii) अनुनादी प्रकोष्ठ (Resonant Cavity)

कार्य विधि-

अमोनिया गैस के अणुओं को एक भट्टी (Oven) में उत्तेजित किया जाता है।

उत्तेजित अमोनिया के अणु तथा कुछ सामान्य अणु भट्टी में बने सूक्ष्म छिद्र से बाहर निकलकर दो इलेक्ट्रोड के मध्य से गुजरते हैं।

ये इलेक्ट्रोड बेलनाकार ट्यूब में लगे होते हैं जिसे पृथक्कारी कहते हैं।

बेलनाकार पृथक्कारी का अक्ष अमोनिया के अणु की गति की दिशा के अनुदिश होता है।

इलेक्ट्रोडों के बीच उत्पन्न विद्युत् क्षेत्र अमोनिया के सामान्य अणुओं को आकर्षित करता है जबकि उत्तेजित अणुओं को प्रतिकर्षित करता है।

पृथक्कारी की आकृति बेलनाकार होने के कारण उत्तेजित अणु पृथक्कारी की अक्ष के अनुदिश गति करते हैं और सामान्य अणु अक्ष से दूर को ओर विक्षेपित हो जाते हैं।

इस प्रकार अमोनिया के उत्तेजित अणुओं को सामान्य अणुओं से अलग कर उसे एक अनुनादी प्रकोष्ठ में प्रवेश कराया जाता है।

इन उत्तेजित अमोनिया के अणुओं पर प्रकोष्ठ में बने छिद्र द्वारा 24000 मेगा हर्ट्ज की आवृत्ति की सूक्ष्म तरंगें गिरायी जाती हैं।

इस क्रिया के फलस्वरूप अमोनिया के इन अणुओं से उद्दीपित उत्सर्जन होने लगता है।

उद्दीपित उत्सर्जन से प्राप्त विकिरण फोटॉन प्रकोष्ठ की दीवारों से टकराकर परावर्तित होते हैं

तथा अन्य उत्तेजित अमोनिया के अणु से टकराकर तीव्र उद्दीपित उत्सर्जन करते हैं।

इस प्रकार यह प्रक्रिया शृंखला के रूप में चलती रहती है

और एक तीव्र कला सम्बद्ध सूक्ष्म तरंग विकिरण पुंज प्रकोष्ठ में बने दूसरे छिद्र से बाहर निकलता है।

उपयोग-

(i) अंतरिक्ष तथा समुद्र के भीतर दूर तक संदेश भेजने के लिए।

(ii) अधिक दूरी के रेडार संचार में प्रवर्धन के रूप में उपयोग किया जाता है।

(iii) चिकित्सा के क्षेत्र में, नेत्र में, ट्यूमर के आपरेशन में, मेसर बहुत ही कम समय (10-4 सेकण्ड) के लिए ऑपरेशन वाले भाग पर डाली जाती है।

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