एम्पीयर का नियम

एम्पीयर का नियम (Ampere’s Rule)

एम्पीयर का नियम

ओस्टैंड के प्रयोग में विद्युत् धारा और सुई के विक्षेप की दिशा में सम्बन्ध बतलाने के लिए पेरिस के वैज्ञानिक ए. एम. ऐम्पियर (A. M. Ampere) ने एक नियम का प्रतिपादन किया,

जिसे ऐम्पियर का नियम कहते हैं।

इस नियमानुसार,

कल्पना करो कि कोई व्यक्ति अपना मुँह चुम्बकीय सुई की ओर करके तार के समान्तर प्रवाहित धारा की दिशा में तैर रहा है,

तो चुम्बकीय सुई का उत्तरी ध्रुव उसके बाँये हाथ की ओर विक्षेपित होगा।

एम्पीयर का नियम

चित्र  में ABCD एक आयताकार कुण्डली प्रदर्शित की गई है।

इसमें तीर की दिशा में विद्युत् धारा प्रवाहित हो रही है।

ऊपर और नीचे के भाग में धारा की दिशा विपरीत होती है किन्तु धारा की दिशा में सुई की ओर मुँह करके तैरने वाले व्यक्ति के बाँये हाथ की दिशा यही रहती है।

अतः चुम्बकीय सुई का उत्तरी ध्रुव पहले की ही दिशा में और अधिक विक्षेपित हो जाता है।

स्पष्ट है कि यदि कुण्डली में फेरों की संख्या बढ़ा दी जाये तो विक्षेप का मान बढ़ जायेगा।

इस तथ्य के आधार पर धारादर्शी (Galvanoscope) का निर्माण किया जाता है।

ओर्स्टेड का प्रेक्षण या ओर्स्टेड का प्रयोग (Observation of Oersted or Experi ment of Oersted)

सन् 1820 में डेनमार्क के प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री ओस्टेंड ने प्रयोग द्वारा पता लगाया कि

जब किसी चालक तार में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है

तो उसके नीचे रखी चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है।

विद्युत् धारा की प्रबलता बढ़ाने पर विक्षेप का मान बढ़ जाता है

तथा विद्युत् धारा की दिशा बदलने पर विक्षेप की दिशा बदल जाती है।

चूँकि चुम्बकीय सुई चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित होती है, उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि

जब किसी चालक वार में विद्युत् धारा प्रवाहित की जाती है तो उसके चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।

ओर्स्टेड का प्रयोग

इस प्रकार, किसी चालक में विद्युत् धारा प्रवाहित करने पर उसके चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होने की घटना को विद्युत् धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं।

विद्युत् धारा का प्रवाह

फ्यूज तार किसे कहते है ?

थामसन प्रभाव किसे कहते हैं ?

घर्षण विद्युत् किसे कहते हैं

आवेश उत्पत्ति का इलेक्ट्रॉनिक सिद्धान्त

विद्युत् बल रेखाएँ –

चालक और विद्युतरोधी

परावैद्युत माध्यम (Dielectrics)

पृथ्वी का विभव कितना होता है

समविभव पृष्ठ किसे कहते हैं

वान डी ग्राफ जनित्र क्या है

परावैद्युत माध्यम क्या है

विद्युत धारिता किसे कहते हैं

educationallof
Author: educationallof

40 thoughts on “एम्पीयर का नियम

  1. With havin so much content do you ever run into any issues of plagorism or copyright infringement? My website has a lot of completely unique content I’ve either created myself or outsourced but it seems a lot of it is popping it up all over the internet without my permission. Do you know any techniques to help stop content from being ripped off? I’d genuinely appreciate it.

Comments are closed.

error: Content is protected !!