खतरे का सिग्नल लाल क्यों होता है ?

खतरे का सिग्नल हमेशा लाल क्यों होता है ?

खतरे के सिग्नल का लाल होना –

लाल रंग का तरंगदैर्घ्य अधिक होता है , जिससे उसका प्रकीर्णन बहुत कम होता है , क्योंकि प्रकीर्णन की तीव्रता I * 1 / λ⁴ , जहाँ λ = तरंगदैर्घ्य।

अतः लाल रंग के सिग्नल को दूर से देखा जा सकता है।

वायुमंडल की अनुपस्थिति में आकाश का काला दिखाई देना –

यदि वायुमंडल नहीं होता तो आकाश काला दिखाई देता , क्योंकि इस स्थिति में कोई भी रंग प्रकीर्णित नहीं होता।

अधिक ऊँचाई पर उड़ने वाले यात्रियों को आकाश काला दिखाई देता है ,

क्योंकि इस स्थिति में वायुमंडल के अणुओं द्वारा प्रकीर्णन नगण्य होता है।

चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है।

अतः चन्द्रमा से देखे जाने पर आकाश काला दिखाई देता है , अन्तरिक्ष यात्रियों को भी आकाश काला दिखाई देता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल क्यों दिखाई देता है ?

सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य से आने वाला प्रकाश अत्यधिक दूरी तय करता है।

इस दौरान कम तरंगदैर्घ्य वाले रंगो का प्रकीर्णन अधिक होता है जबकि लाल रंग का प्रकीर्णन बहुत कम होता है।

इस प्रकार प्रेक्षक तक पहुंचने वाले प्रकाश में लाल रंग की अधिकता होती है।

अतः सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य और उसके आसपास का भाग लगभग लाल दिखाई देता है।

बादल श्वेत क्यों दिखाई देता है ?

बादलों का श्वेत दिखाई देना –

बादलों में धूल के कण एवं पानी की छोटी छोटी बूँदें होती है। ये कण बड़े होते हैं।

अतः इन कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन रैले के नियमानुसार नहीं होता , अपितु ये कण सभी रंगो को लगभग समान रूप से प्रकीर्णन कर देते हैं।

फलस्वरूप बादल श्वेत दिखाई देता है।

दोपहर के समय आकाश श्वेत क्यों दिखाई देता है ??

दोपहर के समय सूर्य ठीक सिर के ऊपर होता है। इस स्थिति में सूर्य हमसे न्यूनतम दूरी पर होता है।

अतः उससे प्रकाश हम तक सीधे पहुंच जाता है , उसके विभिन्न रंगो का प्रकीर्णन बहुत कम हो पाता है।

फलस्वरूप आकाश लगभग श्वेत दिखाई देता है।

आकाश नीला क्यों दिखाई देता है ?

आकाश का नीला दिखाई देना –

जब सूर्य प्रकाश वायुमंडल में से गुजरता है तो वायु के अणुओं और अन्य सूक्ष्म कणों द्वारा विभिन्न रंगो का प्रकीर्णन हो जाता है।

रैले के अनुसार , बैंगनी रंग का प्रकीर्णन सर्वाधिक एवं लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है।

नीले रंग का प्रकीर्णन बैंगनी रंग से कम एवं लाल रंग से अधिक होता है , किन्तु सूर्य के प्रकाश में अन्य रंगो की तुलना में नीला रंग अधिक मात्रा में होता है।

अतः अन्य रंगो की तुलना में नीले रंग का प्रकीर्णन अधिक होता है।

इसके अतिरिक्त बैंगनी रंग की तुलना में नीले रंग के लिए हमारी आँख अधिक संवेदनशील होती है अतः आकाश नीला दिखाई देता है।

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