ट्रान्जिस्टर के उभयनिष्ठ आधार (CB) विधा में अभिलाक्षणिक

NPN तथा PNP ट्रान्जिस्टर का CB विधा मे विद्युत परिपथ प्रदर्शित है (ट्रान्जिस्टर के उभयनिष्ठ आधार विधा में अभिलाक्षणिक)

चित्र से स्पष्ट है कि उत्सर्जक आधार संधि अग्र अभिनति में तथा संग्राही आधार संधि पश्च अभिनति में है।

यहाँ उत्सर्जक धारा Ie , उत्सर्जक आधार संधि पर वोल्टेज VEB , संग्राही धारा Ic

तथा संग्राही आधार संधि पर वोल्टेज VCB चारों ही राशियाँ परिवर्तनीय हैं।

चूंकि इस विधा में निवेशी (input) सिग्नल उत्सर्जक परिपथ में लगाया जाता है ,

अतः नियत संग्राही आधार वोल्टेज VCB पर उत्सर्जक धारा IE

तथा उत्सर्जक आधार वोल्टेज VEB के बीच खींचा गया वक्र निवेशी अभिलाक्षणिक (input characteristic curve ) कहलाता है।

इसी प्रकार , चूंकि निर्गत (output) सिग्नल संग्राही परिपथ में प्राप्त किया जाता है ,

अतः नियत उत्सर्जक धारा IE पर संग्राही धारा IC तथा संग्राही आधार वोल्टेज VCB के बीच खीचें गये

वक्र को निर्गत अभिलाक्षणिक वक्र (output characteristic curve) कहते हैं।

ट्रान्जिस्टर के उभयनिष्ठ आधार विधा में अभिलाक्षणिक

ट्रान्जिस्टर के उभयनिष्ठ आधार विधा में अभिलाक्षणिक

(ट्रान्जिस्टर के उभयनिष्ठ आधार विधा में अभिलाक्षणिक)

चित्र (a) तथा (b) में क्रमशः NPN व PNP ट्रान्जिस्टर के CB विधा में अभिलाक्षणिक वक्र खींचने के लिए विद्युत परिपथ प्रदर्शित हैं।

उत्सर्जक E तथा आधार B के बीच एक बैटरी B1 तथा परिवर्ती प्रतिरोध Rh1 द्वारा उत्सर्जक धारा IE का मान बदला जा सकता है

तथा उत्सर्जक धारा IE का मान मिली अमीटर (mA)1 द्वारा पढ़ा जा सकता है।

संग्राही C तथा आधार B के बीच बैटरी B2 को परिवर्ती प्रतिरोध Rh2 द्वारा विभव विभाजक की भाँति प्रयुक्त करके वोल्टेज VCB लगाया जाता है ,

जिसे वोल्टमीटर V2 द्वारा पढ़ा जा सकता है तथा संग्राही धारा Ic को मिली अमीटर (mA2) द्वारा पढ़ा जाता है।

CB विधा में अभिलाक्षणिक वक्र के लिए विद्युत परिपथ

1. निवेशी अभिलाक्षणिक (Input Characteristic) :-

इसे खींचने के लिए संग्राही व आधार के बीच वोल्टेज VCB को किसी एक मान पर नियत रखते हैं

तथा परिवर्ती प्रतिरोध Rh1 से उत्सर्जक धारा IE बदल बदल कर प्रत्येक उत्सर्जक धारा के संगत उत्सर्जक

व आधार के बीच वोल्टेज VEB का पाठ वोल्टमीटर V1 द्वारा पढ़ते जाते हैं।

तत्पश्चात् उत्सर्जक धारा IE तथा उत्सर्जक आधार वोल्टेज VEB के बीच एक ग्राफ खींच लेते हैं।

इस प्रयोग को पुनः भिन्न भिन्न नियत संग्राही आधार वोल्टेज VCB के लिए दोहराते हैं।

CB विधा में निवेशी अभिलाक्षणिक वक्र

चित्र में निवेशी अभिलाक्षणिक वक्र प्रदर्शित है। चूंकि उत्सर्जक आधार संधि अग्र अभिनति में है ,

अतः ये अभिलाक्षणिक वक्र ठीक P-N संधि डायोड के अग्र अभिनति में अभिलाक्षणिक वक्र जैसे है।

इन अभिलाक्षणिक वक्रों से स्पष्ट है कि

उत्सर्जक आधार वोल्टेज VEB में थोड़ी ही वृद्धि करने से उत्सर्जक धारा IE तेजी से बढ़ती है।

निवेशी अभिलाक्षणिक वक्र ढाल , निवेशी गतिक प्रतिरोध (input dynamic resistance) के व्युत्क्रम के बराबर होता है ,

अर्थात निवेशी गतिक प्रतिरोध

R in = ∆VEB / ∆IE (जबकि VCB नियत रहे )

इसका मान लगभग 20 ओम से 50 ओम की कोटि का होता है।

2. निर्गत अभिलाक्षणिक (Output characteristic) :-

इसे खींचने के लिए उत्सर्जक धारा IE को किसी मान पर नियत रखकर

संग्राही परिपथ में परिवर्ती प्रतिरोध Rh1 की सहायता से संग्राही आधार वोल्टेज VCB बदलते जाते हैं

तथा प्रत्येक VCB के संगत संग्राही धारा IC का मान मिलीअमीर (mA2) द्वारा पढ़ लेते हैं।

तत्पश्चात् संग्राही धारा IC तथा संग्राही वोल्टेज VCB के बीच ग्राफ खींच लेंते है।

CB विधा में निर्गत अभिलाक्षणिक वक्र

प्रयोग में उत्सर्जक धारा IE को भिन्न भिन्न मान में नियत रखकर प्रेक्षण लेते हैं।

चित्र में निर्गत अभिलाक्षणिक वक्र प्रदर्शित है इन वक्रों से स्पष्ट है कि –

(1). केवल संग्राही आधार वोल्टेज VCB के अल्प मान ( 1वोल्ट से कम) तक ही संग्राही धारा IC का मान संग्राही आधार वोल्टेज VCB के साथ बढ़ता है।

(2). संग्राही आधार वोल्टेज VCB का मान 1 वोल्ट से अधिक बढ़ने पर

संग्राही धारा IC, संग्राही आधार वोल्टेज VCB पर लगभग निर्भर नहीं करती है।

यह भाग लगभग VCB अक्ष के समान्तर सरल रेखीय है। वक्र के इस भाग का ढाल ,

निर्गत गतिक प्रतिरोध के व्युत्क्रम के बराबर होता है ,

अर्थात निर्गत गतिक प्रतिरोध

R out = ∆VCB / ∆IC (जबकि IE नियत रहे )

चूंकि उत्सर्जक धारा IE के किसी मान के लिए संग्राही आधार वोल्टेज VCB में बहुत अधिक परिवर्तन करने पर भी संग्राही धारा IC के मान में बहुत कम परिवर्तन होता है ,

अतः इस विधा में निर्गत गतिक प्रतिरोध का मान बहुत अधिक (लगभग 5-10 ओम कोटि का) होता है।

ट्रान्जिस्टर को प्रवर्धक की भाँति प्रयुक्त करने के लिए ट्रान्जिस्टर को समान्यतः इसी भाग (अर्थात VCB > 1 वोल्ट) में रखा जाता है।

(3). धारा स्थानांतरण अभिलाक्षणिक (Current transfer characteristic) :-

संग्राही आधार विभव VCB को नियत रखकर विभिन्न उत्सर्जक धारा IE के संगत संग्राही धारा IC ज्ञात करके IC व IE के मध्य ग्राफ खींचते है।

CB विधा में धारा स्थानांतरण अभिलाक्षणिक

चित्र में धारा स्थानांतरण अभिलाक्षणिक वक्र प्रदर्शित है।

इस सरल रेखा का ढाल उभयनिष्ठ आधार विधा में धारा लाभ (current gain) कहलाता है।

अतः CB विधा में धारा लाभ

अल्फा = (∆IC / ∆IE) VCB

इसका मान लगभग 1 से कम लेकिन 0.9 से अधिक होता है

संग्राही धारा के लिए सम्बन्ध :-

उभयनिष्ठ आधार विधा में उत्सर्जक धारा IE निवेशी धारा तथा संग्राही धारा IC निर्गत धारा होती है।

चूंकि IE =IB + IC,

अतः IC = IE – IB

जब उत्सर्जक खुले परिपथ में होता है तथा संग्राही आधार संधि पश्च अभिनति में होती है ,

तब भी अति अल्प (लगभग माइक्रो एम्पियर की कोटि की ) संग्राही धारा परिपथ में बहती है

जिसे संग्राही आधार लीकेज धारा (collector base leakage current) कहते हैं

तथा इसे Icbo द्वारा प्रदर्शित करते हैं।

इस धारा के उत्पन्न होने का कारण संग्राही तथा आधार क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉन होल जोड़ो की ऊष्मीय उत्पत्ति (thermal generation) है।

इस प्रकार उत्सर्जक के बन्द परिपथ में होने पर संग्राही धारा IC , संग्राही आधार लीकेज धारा Icbo तथा उत्सर्जक धारा IE में से संग्राही पर पहुँचने वाली धारा का योग होगी

अर्थात उत्सर्जक धारा IE में से संग्राही पर पहुँचने वाली धारा IC – ICBO होगी तथा तब धारा प्रवर्धन का मान निम्नलिखित सूत्र द्वारा दिया जायेगा:

α = IC – ICBO / IE

IC = α IE + ICBO

चूंकि IE =IB + IC,

तब IC = α ( IB + IC ) + ICBO

IC (1- α) = α IB + ICBO

या IC = (α / 1 – α ) IB + (1 /1 – α) ICBO

कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग-नियम:-

विद्युत शक्ति की परिभाषा , मात्रक एवं विमीय सूत्र:-

पोलेराइड किसे कहते हैं :-

तरंग प्रकाशिकी किसे कहते हैं ? बताइए

मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन वेग :-

लेंसों से सम्बंधित प्रश्न :-

फ्रेनेल दूरी किसे कहते हैं :-

न्यूटन के कणिका सिद्धांत की अमान्यता के कारण :-

प्रिज्म से अपवर्तन सम्बंधित बहुविकल्पीय प्रश्न Part -02 :-

प्रीज्म से अपवर्तन सम्बंधित बहुविकल्पीय प्रश्न Part -03 :-

प्रिज्म से अपवर्तन सम्बंधित बहुविकल्पीय प्रश्न Part -01 :-

विस्थापन विधि द्वारा उत्तल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात करना

educationallof
Author: educationallof

29 thoughts on “ट्रान्जिस्टर के उभयनिष्ठ आधार विधा में अभिलाक्षणिक

  1. Pingback: - educationallof
  2. Excellent blog here! Also your website loads up fast!
    What host are you using? Can I get your affiliate link to your
    host? I wish my web site loaded up as quickly as yours lol

    My web-site: 사설토토

  3. Hello this is kind of of off topic but I was wanting to know if blogs use WYSIWYG editors or if you have to manually code with HTML. I’m starting a blog soon but have no coding experience so I wanted to get advice from someone with experience. Any help would be greatly appreciated!

Comments are closed.

error: Content is protected !!