
Amrood khane ke fayde
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Amrood khane ke fayde
भारत के लोकप्रिय फलों की श्रेणी में आने वाला अमरूद शीतकाल में सर्वत्र पाया जाता है।
संस्कृत में इसे जामफल के नाम से जाना जाता है।
इसे ‘उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों का सेब’ भी कहते हैं क्योंकि अधिकतर पोषक तत्वों में यह सेब से भी अधिक पौष्टिक है।
इसका उपयोग कई रूपों में किया जाता है।
इनमें अमरूद का पनीर, डिब्बा बन्द अमरूद, जैसे जेली, मकरंद आदि प्रमुख हैं।
यह मूछा और प्यास को दूर करता है।
अमरूद में पाया जाता है –
वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर अमरूद में प्रोटीन 1.5%, वसा 0. 2%, कैल्शियम 1.01%, फास्फोरस 0.44%, कार्बोहाइड्रेट 14.5%, खनिज तत्व 0.8% तथा विटामिन ‘बी’ 0.2% पाया जाता है।
विटामिन सी की मात्रा के अनुसार अमरूद का फलों में तीसरा स्थान है।
पहले दो नम्बर पर आने वाले फल-आंवला और चेरी हैं।
इन फलों का उपयोग ताजे फलों की तरह नहीं किया जाता, इसलिए अमरूद विटामिन ‘सी’ की दैनिक आपूर्ति के लिए सर्वोत्तम फल है।
अमरूद की किस्मों में भी विटामिन ‘सी’ की मा 4 विभिन्नता होती है।
सर्वाधिक विटामिन ‘सी’ छिलके में और उसके ठीक नीचे होता है तथा भीतरी भाग में यह मात्रा घटती जाती है।
फल के पकने पर सबसे अधिक हो जाती है।
फल के अधिक पकने और गल जाने पर यह घट जाती हैं।
अमरूद में प्रमुख अम्ल सिट्रिक अम्ल है।
पूरे फल का 6 से 12 प्रतिशत भाग बीजों का होता है इससे नारंगी, पीला सुगन्धित तेल प्राप्त होता है।
रोगों का इलाज –
अमरूद एक स्वादिष्ट फल होने के साथ ही साथ अपने अन्दर अनेक औषधीय गुणों को भी समेटे हुए है।
इसके द्वारा कई रोगों का इलाज सम्भव है। जैसे-
- दांत-दर्द में इसकी पत्ती चबाने या उबाल कर कुल्ला करने से आराम मिलता है।
- यह कब्जनाशक है। भोजन के एक घंटे बाद, अमरूद में नींबू नमक और काली मिर्च डालकर खाने से शौच खुलकर आता है।
- अमरूद को बालू में भूनकर खाने से खांसी कम होती है।
- इसके पत्ते के रस में कत्था मिलाकर मुंह में लगाने से मुंह के छाले नष्ट हो जाते हैं।
- अमरूद को मिश्री के साथ दिन में दो या तीन बार खाने से पतले दस्त कम हो जाते हैं।
- यदि सिर दर्द हो तो सूर्योदय से पूर्व कच्चा अमरूद पत्थर पर घिसकर लेप करें।
- अमरूद के कोमल पत्तों को पानी के साथ पीसकर शर्बत की तरह पीने से आमाशय रोगों में लाभ होता है।
- चर्मरोगों तथा खुजली, एग्जिमा, दाद, फोड़े-फुन्सियों आदि में एक अमरूद नियमपूर्वक दोपहर के समय खाना चाहिए। तीस दिनों के प्रयोग से फायदा होता है।
- यदि दांतों में पायरिया हो तो अमरूद के कच्चे फल का छिलका 500 ग्राम, फिटकरी 10 ग्राम, काली मिर्च 10 ग्राम तथा सेंधा नमक 10 ग्राम को खूब महीन पीसकर मलमल के टुकड़े से छालकर शीशी में बन्द करके रख लें। इसी से प्रातः और सांय मंजन करें। कुछ दिनों में आराम मिलेगा।
- डायबिटीज के रोगियों को यदि बहुत प्यास लगती हो तो अमरूद के पतले टुकड़ों को दो घंटे पानी में डाल दें, बाद में पानी को छानकर पिलाये। यह लाभदायक सिद्ध होगा।
- जिनका हृदय कमजोर हो या जो मानसिक रूप से कमजोर हों, उनको अमरूद की 100 ग्राम मात्रा शहद के साथ दिन में तीन बार खानी चाहिए।
हवाई द्वीप में –
इस मीठे सुगन्धित रस फल को अधिकतर ताजा ही खाया जाता है।
हवाई द्वीप में नारंगी और टमाटर के रस के स्थान पर बच्चों को अमरूद का रस पिलाया जाता है।
अमरूद के प्रकार –
अमरूद दो प्रकार के होते हैं। सफेद और गुलाबी।
सफेद किस्म वाले अमरूद अधिक मीठे होते हैं।
अमरूद की सर्वोत्तम सफेदी के लिए उत्तर प्रदेश में ‘इलाहाबाद के पेड़े’ के नाम से भी जाना जाता है।
अमरूद विभिन्न प्रकार की जलवायु और मिट्टियों में पनपने वाला फल है।
यह लगभग पूरे वर्ष फैलता है।
उत्पादन में कम लागत आने के कारण इसका बाजार भाव भी कम होता है।
भारत में अमरूद उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक सर्वत्र पैदा किया जाता है।
परन्तु व्यापारिक स्तर पर इसकी खेती विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल और गुजरात में होती है।
अमरूद पोषक तत्वों का एक बहुत अच्छा और सस्ता श्रोत है।
इसलिए ये सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं वरन् विटामिन और खनिज लवणों की प्राप्ति के लिए भी खाये जाते हैं
वास्तव में यह सस्ता और मीठा फल श्रेष्ठ गुणों का भण्डार है।
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