
Shahtoot khane ke fayde
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Shahtoot khane ke fayde – शहतूत को अंग्रेजी में ‘mulberry’ कहा जाता है
शहतूत के वृक्ष छोटे-बड़े सभी प्रकार के होते हैं, ऐसे ही इसके फलों का रंग और आकार कई प्रकार का होता है।
शहतूत एक बहुत ही लाभकारी फल माना जाता है।
हाजमे के लिए –
शहतूत को खाने या शहतूत का शरबत बनाकर पीने से शरीर का हाजमा ठीक होता है,
पाचन की प्रक्रिया शीघ्रता से होने लगती हैं जिससे हाजमे बढ़ाता है।
शहतूत के कुछ पत्तों को चबा-चबा कर खाएं और साथ में पानी सेवन करें तो अपच ( भोजन का ना पचना ) की समस्या दूर होती है
भूख न लगती हो –
जिन लोगों के पेट खराब है, भूख न लगती हो,
वे शहतूत का शर्बत दिन में कई बार पी ले तो भूख खूब लगेगी।
खांसी तथा सांस रोगों को ठीक करे-
यदि शहतूत के फल को नमक के साथ प्रयोग किया जाए तो गैस रोग खांसी तथा सांस रोग ठीक हो जाते हैं,
बरसात में सेंधा नमक के साथ जाड़े में खांड के साथ,
गर्मियों में गुड़ के साथ सेवन करने से पेट के सब रोग ठीक हो जाते हैं।
दिल के लिए फायदेमंद –
यदि आप दिन में कई बार शहतूत के शर्बत बनाकर पीते हैं तो यह दिल के लिए काफी अच्छा होता है दिल को स्वस्थ बनाए रखता है और मजबूती प्रदान करता है।
घाव को ठीक करने में –
यदि शहतूत के पत्तों का पेस्ट बना लेते हैं और जहां पर घाव हुआ है उसे जगह पर थोड़ा सा लेप लगा ले तो घाव जल्द ही ठीक हो जाता है।
आंखों के लिए –
शहतूत आंखों के कमजोरी को दूर करने के लिए भी फायदेमंद मना जाता है। आंखों को चमकदार बनाता है और आंख से संबंधित समस्याओं को दूर करता है। आंखों कीरोशनी बढ़ाने के लिए भी मददगार है
रोग प्रतिरोधक क्षमता –
शहतूत खाने से शरीर को मजबूत बनाता है शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है।
लीवर और किडनी के लिए –
शहतूत खाने से हमारी लीवर और किडनी मजबूत होती है। शहतूत लीवर और किडनी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक फलों में से एक है।
लू से बचाने में –
गर्मियों के दोनों में शहतूत लू से बचाने का भी कार्य करती हैं। शहतूत के अंदर मौजूद पौष्टिक तत्व लू से बचाए रखने में हमारी सहायता करती हैं ।
नक धिकनी
यह बूटी प्राकृतिक रूप से ही पैदा होती है जो गीली जमीन में नहर या नदियों के किनारे खेतों में पैदा होती है।
इसके पत्ते कंटे हुए तथा नोकदार होते हैं, फूल सफेद गोल और छोटे होते हैं।
इसके पत्तों तथा बीजों की नस्वार बना कर सूंघने से छींकें आती हैं, जिससे बन्द नाक खुल जाती है।
जुकाम, नजला-खांसी के लिए-
जिन लोगों को नजले, जुकाम खांसी का रोग लगा हो अथवा नाभि चढ़ गयी हो
उन्हें इसके पत्तों को सुखाकर बनाया चूर्ण गुड़ के साथ खिलवाने से जुकाम ठीक हो जायेगा।