पोलेराइड (Polaroids) की कार्य-विधि लिखिए ।

पोलेराइड :-

समतल ध्रुवित प्रकाश उत्पन्न करने वाली सरल व सस्ती युक्ति को पोलेराइड कहते हैं।

बनावट :-

सन् 1932 में ई. एच. लैण्ड (E.H. Land ) ने एक विशेष विधि विकसित करके पोलेराइड का निर्माण किया था। इसमें एक फिल्म होती है

जिसे काँच की दो प्लेटों के बीच रखा जाता है।

पोलेराइड

इस फिल्म को बनाने के लिए नाइट्रो सेल्यूलोज (Nitro cellulose) की एक पतली शीट पर कार्बनिक यौगिक हरपेथाइट (Herapathite) या आयडोक्वीनाइन सल्फेट (Idoquinine sulphate) के अति सूक्ष्म आकर के क्रिस्टल इस प्रकार फैलाकर रखे जाते हैं कि सभी क्रिस्टलों के अक्ष एक दूसरे के समान्तर रहें।

 पोलेराइड की कार्य-विधि :-

चित्र के अनुसार , जब साधारण प्रकाश पोलेराइड पर आपतित होता है तो उसके वे ही वैद्युत वेक्टर पोलेराइड में से निकल पाते हैं

जिनके कम्पन क्रिस्टलों के अक्ष के समान्तर होते हैं।इस प्रकार पोलेराइड से निर्गत प्रकाश समतल ध्रुवित प्रकाश होता है।

जब दोनों पोलेराइड एक दूसरे के समान्तर होते हैं ,

तो पहले पोलेराइड (जिसे ध्रुवक कहते हैं) से निर्गत प्रकाश दूसरे पोलेराइड (जिसे विश्लेषक कहते हैं) से भी निर्गत हो जाता है ,

किन्तु जब वे एक दूसरे के लम्बवत् होते हैं , तो पहले पोलेराइड में निर्गत प्रकाश दूसरे पोलेराइड द्वारा अवरूद्ध हो जाता है।

फलस्वरूप निर्गत प्रकाश की तीव्रता शून्य होती है। इस स्थिति में दोनों पोलेराइड क्रॉसित (Crossed) कहलाते हैं।

पोलेराइड ध्रुवक और विश्लेषक

पोलेराइड के उपयोग (Uses of Polaroids) :-

1.प्रकाश की चकाचौंध दूर करने में :-

इसके लिए धूप के चश्मे (Sun glasses) में पोलेराइड का बना लेंस प्रयुक्त किया जाता है।

वस्तुओं से परिवर्तित प्रकाश आंशिक समतल ध्रुवित होता है।

पोलेराइड आंशिक ध्रुवित प्रकाश के क्षैतिज कम्पनों को काट देता है। फलस्वरूप चकाचौंध समाप्त हो जाता है।

2. रात्रि के समय आमने सामने के दो वाहनों को सुरक्षित पार करने में :-

मोटरकार या ट्रकों के विण्ड स्कीन तथा हेडलाइन केकवर ग्लास पोलेराइड के बनाये जाते हैं।

पोलेराइडों के अक्ष ऊर्ध्वाधर से 45° के कोण पर झुके रहते हैं।

जब पोलेराइड लगे दो वाहन एक दूसरे के आमने सामने आते हैं

तो एक के विण्ड स्क्रीन और दूसरे के हेडलाइट के कवर ग्लास में लगे पोलेराइडों की अक्षें एक दूसरे के लम्बवत् हो जाती है अर्थात् क्रॉसित हो जाती हैं।

फलस्वरूप एक वाहन के हेडलाइट से निकला प्रकाश दूसरे वाहन के विण्ड स्क्रीन से कट जाता है जिससे दूसरे वाहन के चालक को चकाचौंध नहीं लगती।

इस प्रकार दोनों चालक अपने अपने वाहन सुरक्षित पार कर लेते हैं।

3. धातुओं के प्रकाशीय गुणों के अध्ययन में :-

जब साधारण प्रकाश किसी धातु की सतह पर आपतित होता है तो वह ध्रुवित हो जाता है।

ध्रुवण की मात्रा धातु की प्रकृति पर निर्भर करती है।

Polaroid को विश्लेषक की भाँति प्रयुक्त करके ध्रुवण की मात्रा ज्ञात की जा सकती है।

इस प्रकार धातुओं के प्रकाशीय गुणों का अध्ययन किया जा सकता है।

4. ध्रुवित प्रकाश के संसूचक (Detection) में :-

कोई प्रकाश समतल ध्रुवित है अथवा आंशिक ध्रुवित है अथवा अध्रुवित है ,

इसका पता Polaroid की सहायता से लगाया जा सकता है।

(a). अध्रुवित प्रकाश :-

प्रकाश को Polaroid में से देखते हैं। यदि Polaroid को घुमाने पर प्रकाश की तीव्रता में कोई परिवर्तन न हो

तो वह प्रकाश अध्रुवित होता है।

(b). आंशिक ध्रुवित प्रकाश :-

यदि Polaroid को घुमाने पर प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन हो

किन्तु तीव्रता कभी भी शून्य न हो तो वह प्रकाश आंशिक ध्रुवित होता है।

(c). समतल ध्रुवित प्रकाश :-

यदि Polaroid को घुमाने पर प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन हो

एवं एक पूरे चक्कर में तीव्रता दो बार अधिकतम तथा दो बार शून्य हो , तो वह प्रकाश समतल ध्रुवित होता है।

5. पोलेराइड कैमरा और फोटोग्राफी में :-

इसके लिए कैमरे के अभिदृश्यक लेंस के सामने Polaroid लगा देते हैं।

वस्तु से परावर्तित ध्रुवित प्रकाश Polaroid से बिना कटे कैमरे के अन्दर प्रवेश कर जाता है ,

किन्तु पृष्ठभूमि से परिवर्तित ध्रुवित प्रकाश को Polaroid रोक देता है।

जिससे वस्तु अधिक प्रकाशित तथा पृष्ठभूमि अधिक काली दिखाई देती है।

फलस्वरूप फोटो का विपर्याय (Contrast) उत्तम होता है।

6. यह तीन विमा वाले चित्रों को देखने में।

7. वायुयान और ट्रेन में प्रवेश करने वाले प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित करने में।

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :-

 एकल स्लिट द्वारा प्रकाश का विवर्तन :-

चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता :-

दण्ड चुम्बक पर बल आघूर्ण :-

कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग-नियम:-

विद्युत शक्ति की परिभाषा , मात्रक एवं विमीय सूत्र:-

अध्रुवित और समतल ध्रुवित प्रकाश में अन्तर :-

अध्रुवित प्रकाश :-

1. अध्रुवित प्रकाश में वैद्युत वेक्टर के कम्पन तरंग संचरण की दिशा में लम्बवत् तल में प्रत्येक दिशा में समान रूप से अथवा सममित होते हैं।

2. यदि अध्रुवित प्रकाश को पोलेराइड में से गुजारा जाये तो निर्गत् प्रकाश की तीव्रता में कोई परिवर्तन नहीं होता।

3. साधारण प्रकाश-स्त्रोत , जैसे – सूर्य , बल्ब आदि से प्राप्त प्रकाश अध्रुवित प्रकाश होता है।

समतल ध्रुवित प्रकाश :-

1. समतल ध्रुवित प्रकाश में वैद्युत वेक्टर के कम्पन तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् तल में केवल एक ही दिशा में होते हैं।

2. यदि समतल ध्रुवित प्रकाश को पोलेराइड में से गुजारा जाये तथा पोलेराइड को प्रकाश किरणों के परितः घुमाया जाये तो प्रकाश की तीव्रता विशेष स्थितियों में अधिकतम और विशेष स्थितियों में न्यूनतम होती है।

3. पोलेराइड से गुजरने के बाद प्राप्त प्रकाश समतल ध्रुवित प्रकाश होता है।

educationallof
Author: educationallof

error: Content is protected !!