सांख्यिकीय माध्य (Average)
Table of Contents
सांख्यिकीय माध्य –
परिभाषा :- जब कोई एक संख्या ( या राशि ) किसी समूह (या श्रेणी)विशेष के सभी आंकड़ों का सर्वश्रेष्ठ रुप से प्रतिनिधित्व करती है तो वह सांख्यिकीय माध्य कहलाती है।
माध्य के उद्देश्य (Aims of Averages):-
1. माध्य द्वारा आंकड़ों के संग्रह अथवा संग्रहों का विश्लेषण किया जा सकता है।
2. इसके द्वारा दो या से अधिक आंकड़ों के संग्रहो का तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है।
3. इसके द्वारा एक विशाल तथा अबोधगम्य आंकड़ों का संग्रह सरल तथा संक्षिप्त हो जाता है।
4. इसके द्वारा आंकड़ों की केंद्रीय प्रवृत्ति को संख्यात्मक रुप में प्रकट किया जा सकता है।
सांख्यिकीय माध्य के गुण (Characteristics of an Average):-
1. माध्य दृढतः परिभाषित होना चाहिए अर्थात इसकी परिभाषा स्पष्ट शब्दों में जानी चाहिए।
2. माध्य समस्त निरीक्षणों पर आधारित होनी चाहिए अन्यथा सम्पूर्ण समष्टि के गुणों का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ होगी।
3. माध्य की गणना सरलता व शीघ्रता से होनी चाहिए।
4. माध्य की प्रवृत्ति सरलता से बोधगम्य होनी चाहिए।
5. माध्य को बीजगणितीय विवेचना के योग्य होनी चाहिए।
माध्य या केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप के प्रकार (Kind of average or measure of Central Tendency):-
माध्य या केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप के निम्नलिखित पॉच प्रकार है जिनकी उपयोग साधारणतया किया जाता है।
1.समान्तर माध्य (Arithmetic mean)
2. माध्यिका (Median)
3.बहुलक (Mode )
4. गुणोत्तर माध्यम (Geometric mean)
5. हरात्मक माध्य (Harmonic Mean)
इस प्रकार सांख्यिकीय माध्य की गणना की जा सकती हैं।
क्लोरीन के उपयोग (Uses of chlorine)
पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO₄) के उपयोग –
माध्यिका (Median) किसे कहते हैं ?
दोलन चुम्बकत्वमापी (Vibration Magnetometer)
चुम्बकीय प्रवृत्ति (Magnetic susceptibility)