क्लोरीन के उपयोग (Uses of chlorine)

क्लोरीन के उपयोग ( Uses of Chlorine) 

क्लोरीन के उपयोग –

1. कागज की लुग्दी , सूती कपड़े जैसे – पदार्थ के विरंजन में।

2. प्रबल रोगाणुनाशी के रूप में , पीने के जल के जीवाणुनाशक में।

3. विषैली गैसें जैसे – फॉस्जीन (COCl₂) , मस्टर्ड गैस (C₂H₄Cl)₂ S और क्लोरोपिकरिन के बनाने में।

4. सोने के निष्कर्षण में।

5. रंग , विस्फोटक तथा अनेक कार्बनिक पदार्थों के बनाने में।

6. ऑक्सीकारक के रूप में।

7. क्लोरीन जल के रूप में प्रयोगशाला में गुणात्मक विशलेषण में।

8. ब्रोमीन , हाइड्रोक्लोरिक अम्ल , अरंजक चूर्ण आदि के बनाने में।

9. ऐण्टी मलेरियल के बनाने में।

10. B.H.C. , D.D.T और क्लोरामीन T के बनाने में।

याद रखिये –

समुद्री शैवाल , जैसे – लैमिनेरिया डिजीटाटा आदि में आयोडीन , NaI और Kl रूप में उपस्थित होती है।

विरंजन चूर्ण (Bleaching powder) में लगभग 35% प्राप्य क्लोरीन होती है।

फ्लुओरीन के उपयोग –

यह स्वयं तो उपयोगी नहीं है , परन्तु इसके यौगिक बहुत उपयोगी हैं। जैसे –

1. HF का उपयोग काँच के निक्षारण में होता है तथा अनेक उपयोगी के बनाने में होता है।

2. DDFT कीटनाशक के बनाने में।

3. डाइक्लोरो डाइफ्लुओरो मेथेन के बनाने में , जिसको शीतक संयंत्रों में प्रयोग में लाते हैं।

4. SF₆ बनाने में , जिसका उपयोग उच्च वोल्टेज विद्युत् रोधी की भाँति होता है।

5. टेफ्लॉन बनाने में।

6. अज्वलनशील और अक्रिय फ्लुओरो कार्बन बनाने में।

याद रखिये –

फ्लुओरीन को रासायनिक ऑक्सीकरण द्वारा नहीं बनाया जा सकता है , क्योंकि फ्लुओरीन का मानक अपचयन विभव अन्य प्रबल ऑक्सीकारकों से अधिक धनात्मक है।

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Author: educationallof

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