गोलीय पृष्ठ पर प्रकाश का अपवर्तन (Refraction at Spherical Surfaces )
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यदि किसी पारदर्शी माध्यम का पृष्ठ गोलाकार हो , तो उस पृष्ठ को गोलीय अपवर्तन पृष्ठ कहते हैं। (गोलीय पृष्ठ पर प्रकाश का अपवर्तन )
गोलीय पृष्ठ जिस गोले का भाग होता है , उसके केन्द्र को पृष्ठ का वक्रता-केन्द्र तथा त्रिज्या को उसकी वक्रता–त्रिज्या कहते हैं।
पृष्ठ का मध्य बिन्दु उसका ध्रुव कहलाता है।
गोलीय पृष्ठ के ध्रुव और वक्रता-केन्द्र से होकर जाने वाली काल्पनिक रेखा को गोलीय पृष्ठ का मुख्य अक्ष कहते हैं।
गोलीय पृष्ठों पर प्रकाश का अपवर्तन उन्हीं नियमों के अन्तर्गत होता है , जो समतलों पर लागू होते हैं।
चिन्ह परिपाटी (sing convention) –
निर्देशांक चिन्ह परिपाटी :-
1. प्रकाश-किरण सदैव बायीं ओर से आपतित की जाती है।
2. समस्त दूरियाँ पृष्ठ के ध्रुव से नापी जाती हैं।
3. आपतित किरण की दिशा में नापी गई दूरियाँ धनात्मक एवं विपरीत दिशा में नापी गई दूरियाँ ऋणात्मक होती हैं।
4. वस्तु और प्रतिबिम्ब की लम्बाईयाँ मुख्य अक्ष के ऊपर धनात्मक और नीचे की ओर ऋणात्मक ली जाती हैं।
स्पष्ट है कि निर्देशांक चिन्ह परिपाटी के अनुसार , अवतल पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या ऋणात्मक एवं उत्तल पृष्ठ की वक्रता-त्रिज्या धनात्मक होती है।
इस परिपाटी के अनुसार ,
u का चिन्ह ऋणात्मक , आभासी प्रतिबिम्ब के लिए v ऋणात्मक तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए v धनात्मक होता है।
यदि किसी पारदर्शी माध्यम का पृष्ठ गोलाकार हो , तो उस पृष्ठ को गोलीय अपवर्तन पृष्ठ कहते हैं।
गोलीय पृष्ठ जिस गोले का भाग होता है , उसके केन्द्र को पृष्ठ का वक्रता-केन्द्र तथा त्रिज्या को उसकी वक्रता–त्रिज्या कहते हैं।
पृष्ठ का मध्य बिन्दु उसका ध्रुव कहलाता है।
प्रिज्म के अपवर्तनांक का सूत्र :-
कोणीय वर्ण विक्षेपण (Angular Dispersion) :-
स्पेक्ट्रम (Spectrum) किसे कहते हैं ?
अशुद्ध एवं शुद्ध स्पेक्ट्रम किसे कहते हैं ?
समक्ष दृष्टि स्पेक्ट्रोस्कोप –
सौर स्पेक्ट्रम और फ्रॉनहॉफर रेखाएँ – –
प्रिज्म से अपवर्तन (तथ्यात्मक प्रश्न) –
प्रिज्म से अपवर्तन (आंकिक प्रश्न ) –