पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO₄) के उपयोग –

पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO₄) के उपयोग 

पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO₄) के उपयोग

1. प्रयोग शाला में अभिकारक के रूप में।

2. जल के शुद्धीकरण में रोगाणुनाशी के रूप में।

3. फेरस लवण , ऑक्जेलिक , ऑक्जेलेट , आयोडाइड , परॉक्साइडों के आयतनमितीय आकलन (Volumetric estimation) में।

4.शुष्क सेल में।

5. अनेक यौगिकों के गुणात्मक विश्लेषण में।

पोटैशियम डाइक्रोमेट (K₂Cr₂O₇) के उपयोग –

1. यह क्रोमियम यौगिक , जैसे – क्रोम एलम , क्रोम , यलो तथा क्रोम रेड बनाने में प्रयुक्त होता है।

2. आयतनमितीय विश्लेषण में प्राथमिक मानक पदार्थ के रूप में प्रयुक्त होता है।

3. फोटोग्राफी में जिलेटिन फिल्म को कड़ा करने में।

4. एक अच्छा ऑक्सीकारक हैं।

5. क्रोमिक अम्ल ( ठोस K₂Cr₂O₇ तथा सान्द्र H₂SO₄ का गर्म मिश्रण ) काँच को साफ करने में प्रयुक्त होता है।

कॉपर सल्फेट पेन्टाहाइड्रेट रंगीन होता है। क्यों ?

अयुग्मित इलेक्ट्रॉन ऊर्जा अवशोषित करके अस्थायी रूप से उच्च स्तर में चले जाते हैं।

कॉपर सल्फेट पेन्टाहाइड्रेट में H₂O अणु लिगेण्ड के रूप में उपस्थित होते हैं।

इसलिए लिगेण्ड क्षेत्र के प्रभाव द्वारा Cu (II) आयन के d- कक्षक दो समुच्चयों में विपाटित होते हैं।

इलेक्ट्रॉन के उच्च ऊर्जा स्तर में उत्तेजना के लिए दृश्य प्रकाश का लाल तरंगदैर्घ्य अवशोषित किया जाता है।

लाल रंग के प्रकाश के अवशोषण के कारण यौगिक के रंग के रूप में प्रक्षित रंग नीला दिखाई देता है।

विभेदन क्षमता किसे कहते हैं ?

न्यूटन का कणिका सिद्धांत –

तरंगाग्र (Wavefront) किसे कहते हैं ?

व्यतिकरण किसे कहते हैं ?

यंग का द्वि स्लिट प्रयोग

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