
प्याज खाने के फायदे
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प्याज खाने के फायदे –
भारत ही नहीं संसार भर में शायद ही कोई व्यंजन हो जहां कमो-बेश प्याज की आवश्यकता न पड़ती हो।
वैसे डायनिंग टेबल की शोभा, सलाद के रूप में तो यह बढ़ाता ही है,
कभी-कभी खाते समय बीच में जब भी सलाद की याद आती है तब यहां तक कि अतिथिगण भी प्याज की फरमाइश करते हुए संकोच नहीं करते।
प्रश्न यह उभरता है कि आखिर प्याज में ऐसी कौन सी जादुई ताकत है जो लोगों को हमेशा से अपनी ओर आकर्षित करती रही है।
फ्रांस में किये गए शोध के अनुसार प्याज गुर्दे की खराबी, इन्फ्लूएंजा, खांसी और पेशाब का कम आना जैसी बीमारियों की अचूक दवा है।
आधुनिक अनुसंधान के मुताबिक प्याज में रक्त की चिकनाई के स्तर को सामान्य रखने का असाधारण गुण होता है। कहते हैं
यदि प्याज का जरा भी अंश पेट में हो तो लू नहीं लगती।
लकवा और दिल के मरीजों को भी प्याज अधिक सेवन करने की सलाह दी जाती है।
प्याज का आकार अमूमन गोल होता है।
इसके कई रंग होते हैं-सफेद, लाल और गहरा लाल रंग।
कैसा भी हो इसके औषधि गुण तो मूलतः एक समान होते हैं।
परन्तु रंगों के मुताबिक आयुर्वेदिक औषधियों में प्याज का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों के लिए विशेषतया किया जाता है।
लाल प्याज –
इनके अनुसार लाल प्याज ताकतवर, गले के रोगों में लाभकारी और पाचक होती है।
सफेद प्याज –
जबकि सफेद प्याज शक्तिवर्धक, वायुनाशक, वीर्यवर्धक और दांतों के कीड़े मारने वाली होती है।
कान का कितना ही पीड़ादायक दर्द क्यों न हो बस प्याज की गांठ को राख में भून लें और फिर इस गुनगुने रस को कान में डाल दें।
दर्द से फौरन आराम मिलता है।
प्याज एक तामसिक भोज्य पदार्थ है।
इसके अधिक सेवन से मानव में काम क्रिया के प्रति उत्तेजना पैदा होती है।
इसलिए गरम प्रवृत्ति के लोगों को इसका कम सेवन करना चाहिए।
यह चर्म रोगों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हुआ है।
प्याज के रस को तिल्ली के तेल में फेंटकर चर्म रोग दूर होता है।
प्याज का रस, रंग में मिलकर बालों में लगाने से लगाने से बालों का झड़ना बन्द होता है।
यदि प्याज को भून कर, उसका पेस्ट बनाकर लगाने से फटे हाथ-पांव को काफी लाभ होता है।
भूने हुए प्याज में हल्दी और घी मिलाकर, इस मिश्रण को गर्म लगाने से फोड़े का दर्द गायब हो जाता है तथा काफी आराम मिलता है।
दो चम्मच प्याज का रस पीलिया के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी होता है।
तम्बाकू का व्यसन करने वालों को भी कभी-कभी प्याज का रस पी लेना चाहिए।
प्याज के छोटे-छोटे टुकड़े काट कर पूरी तरह न जमे दही में मिलाकर खाने से एसिडिटी से परेशान लोगों को राहत मिलती है।
यही मिश्रण, दस्त में काफी उपयोगी सिद्ध होता है।
प्याज का रस तथा उसी मात्रा में सिरके का मिश्रण झाइयों के लिए एक उपयोगी इलाज है।
मस्सों या कार्नस् –
- अगर आप पैर के मस्सों या कार्नस् से परेशान हैं तो आप कुछ हफ्तों तक जरा इस इलाज को आजमाइये-
- एक प्याज के रस में एक चम्मच खट-मीठ, (एक तरह की घास) का रस डालकर मस्सों पर लगाने से मस्से गिर जाते हैं। बस थोड़ा समय लगता है इस इलाज में।
- प्याज का रस एक तोला, असली शहद एक तोला, भीमसेनी कपूर तीन माशे खूब मिलाकर लगाने से मोतियाबिन्द का असर नहीं होता।
- शरीर का कोई भाग बारूद से जल जाए तो उस स्थान का रस लगाने से लाभ होता है।
- प्याज के रस से सफेद कागज पर लिखें तो कुछ भी नहीं पढ़ा जाएगा। पर लिखे हुए कागज को थोड़ा आंच पर दिखाएं तो सब कुछ पढ़ा जाएगा।
- बीस तोला प्याज का रस और बीस तोला शहद को मिला कर शर्बत तैयार कर लें। ढ़ाई तोला रोज सेवन करने से नामर्दी और काम-शक्ति की कमी में बड़ा लाभ होता है। साथ ही शरीर सबल और पुष्ट बनता है।
- एक चम्मच प्याज के रस में एक चम्मच सरसों का तेल मिलाकर, हल्के हाथों से मालिश करने से जलन और सूजन में राहत मिलती है। प्याज का रस कीड़ों के डंक में मलने से भी राहत मिलती है। प्याज की गंध मच्छरों को भी दूर भगाती है।
- कहते हैं प्याज में जितनी परतें हैं, उससे कहीं ज्यादा इसमें गुण होते हैं।