
Neem ke fayde
जीवनोपयोगी नीम , Neem ke fayde –
टहनियों के टुकड़े करके दांत साफ करने के लिए बुश की भांति इस्तेमाल किया जाता है।
नीम की पकी हुई निबोलियों और कोमल पत्तियों में प्रोटीन, कैल्शियम, लोहा और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में मिलती है।
आजकल नीम के बने टूथपेस्ट और साबुन बहुत प्रयोग में आते हैं।
भारत के गांवों में निबोलियों को सुखा कर उनसे तेल निकाला जाता है।
नीम के तेल का उपयोग साबुन निर्माण, औषधि निर्माण में होता है।
नीम का तेल गांवों में दिये जलाने में भी प्रयोग होता है। नीम की निबोलियों से 50 प्रतिशत तक तेल निकाला जाता है।
तेल निकालने के पश्चात् जो निबोलियों का चूर्ण बचता है। वह कृषि के लिए बहुत उपयोगी और लाभदायक होता है। यह खाद के रूप में उपयोग में आती है।
निबोली की खली अगर धान के खेत में बिखरा दें तो फसल में संक्रामक रोग लगने की संभावना कम हो जाती है और साथ ही 25 से 50 प्रतिशत यूरिया खाद की बचत हो जाती है।
इसकी खली को खेती में उपयोगी करने से भूमि उर्वरता बढ़ जाती है ती फसल में पर्याप्त वृद्धि होती है।
महात्मा गांधी नीम के गुणों को जानते थे इसलिए वह नियमित रूप से कोंपलों को खाते थे।
निःसन्देह नीम एक ऐसी गुणकारी और अत्यन्त उपयोगी वृक्ष है जिसकी घनी छाया से पथिक को छाया मिलती है।
यह प्रर्यावरण की दृष्टि से भी बहुत उपयोगी वृक्ष है।
( Neem ke fayde )