
Muesli in hindi
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Muesli in hindi – इसे हिंदी में मूसली कहा जाता है और इसके बहुत सारे फायदे हैं आईए इसके बारे में जाने –
मूशली
यह दो प्रकार की होती है सफेद मूशली और काली मूशली।
मूशली की पैदावार नमी वाली धरती पर तथा बड़े वृक्षों की जड़ों में होती है।
जिसके कारण यह मैदानी क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है।
इसके पत्ते खजूर के पत्तों जैसे होते हैं, लम्बाई में यह अधिक से अधिक 1 फुट ही होता है।
इसमें तैलीय पदार्थ, राल कषाभ, द्रव्य गोंद तथा जल रहता है,
इसका प्रयोग अधिकतर मूत्र रोगों में किया जाता है जब किसी मानव का पेशाब रुक जाता है तो इसके पत्तों को कूटकर उनका रस मूत्र मार्ग पर लगाते हैं।
अनेक धातु पौष्टिक रोगों में इसको डालते हैं।
सफेद मूशली –
इसकी पैदावार अधिकतर पहाड़ी स्थानों पर होती है।
परन्तु इसकी खेती हमारे देश के कुछ भागों में होने लगी है, दूसरा आधे से अधिक भाग पानी में डूबा रहता है।
रोगनाशक-
मानव शरीर की आम शक्ति को बढ़ाने तथा नपुंसक लोगों को इस रोग से मुक्ति दिलावाने में सफेद मूशली को अति उपयोगी माना गया है।
प्रयोग- इसके कन्दों को सुखाकर अच्छी तरह कूट-पीस कर किसी कपड़े में छान लें।
यह मूशल चूर्ण तैयार हो जायेगा।
जिसे एक चम्मच हर रोज दूध के साथ लेने से शारीरिक कमजोरी तथा नपुंसकता दूर हो जाती है।
मूसली सफेद –
इस बूटी की ऊंचाई 1 फुट से अधिक नहीं होती, इसकी जड़ के दो भाग होते हैं।
धातु रोग भगाएं-
जो लोग महीना कमजोरी का शिकार है,
अथवा धातु रोग लगा है, तो सफेद मूसली का चूर्ण 3 ग्राम और चीनी 3 ग्राम लेकर सेवन करें तो रोग दूर हो जाता है।
नारी स्तनों से दूध न उतरे –
कई औरतों के बच्चा होने पर दूध न उतरने पर उसको मूसली चूर्ण, चीनी मिलाकर दिन में दो बार खिला देने से लाभ होता है।
मूसली काली –
इसकी जड़ का रंग काला होता है, इसमें सारे गुण हैं जो सफेद मूसली में होते हैं,
क्योंकि यह सफेद मूसली से कुछ अधिक शक्तिशाली है, इसलिए इसकी खुराक की मात्रा उससे कम कर दें।