
ईसबगोल के फायदे
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जानिए ,ईसबगोल के फायदे –
ईसबगोल का पौधा करीब एक मीटर ऊंचा होता है, यह खांसी के रोगियों के लिए लाभदायक है।
सत ईसबगोल अथवा ईसबगोल का छिलका पुरानी कब्ज को दूर करता है
कब्ज रोगी एक चम्मच ईसबगोल का छिलका रात को सोते समय गर्म दूध के साथ सेवन करें तो कब्ज दूर हो जायेगी।
इन्द्रायण
यह एक ऐसी बेल है जो बरसात के दिनों में अपने आप पैदा होती है।
इसके फूल बड़े सुन्दर होते हैं, परन्तु उनका रस कड़वा होता है।
इसका फल पीले रंग का होता है, इसके बीज और गूदा काम में आते हैं।
जिस फल का रंग ऊपर से पीला और अन्दर से साफ हो वह बहुत
विषैला होता है, यदि कोई उसे जरा सा भी खा ले तो उसकी मृत्यु हो जाती है।
इसके बीजों का रंग काला होता है। उनमें से तेल निकाला जाता है।
इन्द्रायण के फल को बीच में से काट कर दो टुकड़े कर लें। उन दोनों का गूदा निकालकर खाली कर लें।
फिर उनमें दूध भर कर गरम राख पर रखें।
जब यह थोड़ा सा भुन गुनगुना हो जाए तो पेट के दर्द के रोगियों को घोड़ी-सी मिश्री डालकर पिला दें।
पेट दर्द ठीक हो जायेगा।
इन्द्रायण की लकड़ी का दातुन बना कर हर रोज करने से दांतों के रोग ठीक हो जाते हैं और दांत मजबूत भी होते हैं।
सफेद बालों को काले करने के लिए इन्द्रायण की जड़ का चूर्ण गाय के दूध के साथ हर रोज सुबह सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं।
इन्द्र जौ
इन्द्र जौ की जड़, छाल और फल देसी दवाओं में प्रयोग किये जाते हैं।
खांसी तथा फेंफड़ों के रोगों के लिए, इन्द्र जौ के बीज और छाल को मिला कर आग पर रखकर अच्छी तरह पका कर काढ़ा तैयार करें
और हर रोज सुबह शाम फेंफड़ों के रोगी को दो-दो चम्मच पिलायें,
इससे टी. बी. का रोगी भी ठीक हो जायेगा। इन्द्र जौ के पौधे दो प्रकार के होते हैं जिनमें एक कड़वा और एक मीठा होता है।
मीठे पौधे की फलियां छोटी और कड़वे की काली होती है।