
Kachnar ke fayde
Table of Contents
Kachnar ke fayde
कचनार
मुंह के छाले तथा दांत रोग नाशक –
जिन लोगों को मुंह के छाले और दांत रोग के कष्ट से दुःखी होना पड़ता है
उनके लिए आधा ग्राम के कचनार की छाल या पत्ते, सफेद कत्था डेढ़ ग्राम, फिटकरी 0.25 ग्राम,
इन सबको पानी में गर्म करके कुल्ला (गरारे) करने से यह रोग ठीक हो जाते हैं।
मर्दाना कमजोरी के लिए-
सफेद फूल वाली कचनार की जड़ 2 ग्राम, 5 किलो दूध में उबाल कर उसको सुबह उठकर बिलो कर मक्खन निकालें
और उस मक्खन को मर्दाना कमजोरी वाले मानव के लिंग पर उसकी मालिश करें तथा उसे खाने को भी दें,
इससे उसमें नयी शक्ति आयेगी।
कुचला
यह पौधा विष वाला होता है, इसलिए वैद्य लोग इसे शुद्ध करके ही काम में लाते हैं।
कुचला के बीजों को पीसकर उन्हें आटे में गूंथ कर गोलियां बना लें,
जिस घर में चूहे अधिक हों वहां पर गोलियां डालने से चूहे भाग जाते हैं. अथवा गोलियों को खाकर मर जाते हैं।
मोंगरा
- मोंगरे की हरियाली देखने में अच्छी लगती है। इसके पत्ते पीसकर लुगदी को घी में छौंका लगायें फिर उसे फोड़े पर लेप के रूप में लगायें तथा ऊपर से एक पतला कपड़ा बांध दें। तीन दिन तक लगाने से फोड़ा पक कर फूट जायेगा।
- मोंगरे के पत्ते 10 ग्राम, गूगल 1/10 ग्राम इनकी एक टिकिया बना कर 10 ग्राम घी में पकायें फिर उसे घी में मोम मिलाकर मरहम बना लें, इस मरहम को किसी भी फोड़े पर लगा देने से फोड़ा कुछ ही दिनों में अच्छा हो जायेगा।
- सिर दर्द में मोंगरा का इतर सूंघने से दर्द ठीक हो जाता है।
कुम्हड़ा पेठा
- कुम्हड़ा पेठा हमारे देश में काफी प्रसिद्ध है, इसका कारण है पुष्टि-कारक वीर्थका पित्त वात खून रोग नाशक है।
- पका कुम्हड़ा, उन्माद तथा मानसिक रोगों में काफी लाभदायक है।
कूठ
- कूठ की जड़ से तैयार किया गया मरहम पुराने से पुराने नासूर को भी ठीक कर देता है।
- यदि इसे गर्म कपड़ों में रखा जाए तो इन कपड़ों को कीड़ा नहीं लगता ।
- मीठा कूठ सेवन करने से शारीरिक शक्ति के साथ-साथ वीर्य भी बढ़ाता है।