
मेथी खाने के फायदे
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जानिए, मेथी खाने के फायदे
मेथी
हरी-हरी मेथी को खेतों में किसान लोग उगाते हैं, यह पौधा छोटे कद का होता है। हरे पत्तों पर सफेद रंग के फूल आते हैं।
लाभ-
यह नजला, जुकाम, खांसी जैसे रोगों में अति उपयोगी है, इसका पानी निकालकर नमक मिलाकर पीने से पेट रोग ठीक हो जाते हैं।
श्वेत रोग –
नारी के लिए यह बहुत बुरा और कष्टदायक रोगमाना जाता है, जिन औरतों को यह रोग लग जाता है,
उनका स्वास्थ्य बहुत गिर जाता है उनके लिए मेथी के चूर्ण को पानी में मिलाकर पीना चाहिए,
मेथी के चूर्ण वाले पानी में कपड़े को भिगोकर या पानी में रखा जाए तो श्वेत रोग ठीक हो जाता है।
धनिया
कहावत है कि भोजन सबसे पहले आंखे ही खाती हैं।
सुरुचि रूप से परोसा गया भोजन खाने वालों को आकर्षित करता है।
इसकी सुगन्ध 1 खाने वालों को आमंत्रित करती है। इस आकर्षण और आमंत्रण में धनिया का बहुत योगदान होता है।
घनिया के पत्ते और धनिया के बीज दोनों का इस्तेमाल भोजन में प्रचुर मात्रा में होता है।
घनिया सिर्फ एक सुगन्धित मसाला ही नहीं है।
इसमें पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के तत्व स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं।
भारतीय मसालों में इसका बहुत महत्व है।
इसीलिए रसोई में तो इसकी अहमियत है ही, साथ ही अपने औषधीय गुणों के कारण दवाओं में भी इसका उपयोग होता है।
इसकी तासीर ठंडी मानी जाती है।
यदि गर्मी के कारण सर में दर्द हो तो धनिया के पत्तों को पीस कर लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
गर्मियों में नकसीर की शिकायत आम होती है।
ऐसी सूरत में हरे निये के पत्तों का रस रोगी को सुंघायें और साथ ही यदि इसे पीसकर मस्तक पर लेप करें तो तुरन्त आराम मिलता है।
बवासीर को ठीक करने में –
धनिया के बीजों को काट कर इनका छिलका निकाल दें।
फिर मिश्री में मिलाकर सेवन करने से बवासीर के रोगी को बहुत आराम मिलता है।
चक्कर की शिकायत में –
चक्कर की शिकायत में धनिया और सूखा आंवला बराबर मात्रा में
लेकर कूठ लें, फिर रात को पानी में भिगो दें, सुबह छानकर मिश्री मिलाकर पीने से चक्कर की शिकायत दूर हो जाती है।
मेदे की कमजोरी दूर करने में धनिया अचूक औषधि है।
भोजन के बाद पांच-छह ग्राम धनिया चबाने से दस्त बन्द हो जाते हैं और मेदे की कमजोरी दूर हो जाती है।
लगातार उल्टियां होने से धनिया के पत्ते का रस थोड़ी-थोड़ी दूर बाद रोगी को देने से उल्टी रुक जाती है।
पेशाब की जलन में तीन ग्राम धनिया कूटकर छान लें, फिर उसमें मिश्री और बकरी का दूध मिलाकर सेवन करें, इससे जलन की शिकायत दूर होती है।
गंजेपन में ताजा धनिया के पत्तों को पीसकर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
पुदीना
पुदीना हमारे देश में इतना लोकप्रिय है कि इसके बारे में अधिक बताने की जरूरत ही नहीं।
हजारों लोग पुदीने का प्रयोग तो बहुत करते हैं, परन्तु इसके गुण को नहीं जानते उन्हें बताना जरूरी समझता हूं।
हैजे रोग को भगाएं पुदीना –
आधा ग्राम पुदीना और 1/4 ग्राम छोटी इलायची को आधे किलो पानी में उबालकर जब पानी पककर आधे से कम रह जाए
तो उसे थोड़ा-थोड़ा करके एक-एक घंटे के पश्चात्
पित्त तथा पेट रोग-
1 ग्राम पुदीने का पानी, 5 ग्राम सिकन्तवीन दोनों को मिलाकर पित्त एवं रोगी को पिलाने से रोग जाता रहेगा।
नाक, कान में कीड़े पड़ने पर –
जिस किसी व्यक्ति के कान में या नाक में कीड़े पड़ गये हों, तो वहां पर पुदीने का रस टपकाने से यह रोग जाता रहेगा।