
Nagfani ke fayde
Table of Contents
Nagfani ke fayde
नागफनी
इसका पौधा 10 से 15 फुट तक ऊंचा होता है जो सांप की भांति बलखाता हुआ आकाश की ओर उठता दिखाई देता है।
आंखों के लिए-
नागफनी के पौधे का गूदा आंख पर बांधने से आंख के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
खूनी पेचिश-
नागफनी के वृक्ष का दस बूंद दूध चीनी मिलाकर देने से खूनी पेचिश तथा हर प्रकार की पेचिश दूर हो जाती है।
सुजाक रोगियों के लिए-
नागफनी के वृक्ष का गूदा निकालकर थोड़ी-सी चीनी तवाशीर उसमें मिलाकर सुजाक रोगी को एक-एक चम्मच सुबह शाम खिला देने से रोग से मुक्ति मिलती है।
शरीर में यदि अधि एक सर्दी रहती है तो भी दूर हो जाती है।
पाषाण भेद
इसका पौधा धरती पर ही अधिक फैलता है, जड़ें पत्थर में घुसी रहती हैं,
इसीलिए इसका नाम पाषाण भेद रखा गया है अर्थात् पत्थर फोहड़ा रखा गया है।
बच्चों के दांतों के लिए –
पाषाण भेद का रस निकालकर शहद में मिलाकर बच्चों के मसूड़ों,
पर मलने से उनके दांत शीघ्र निकल आते हैं, उनको कोई कष्ट भी नहीं होता।
पीलिया सुधार तथा दर्द गुरदा-
इन सब रोगों के लिए, पाषाण भेद का प्रयोग काफी लाभदायक है।
फरीद बेल
यह एक ऐसी बूटी है जो धरती पर ही फैलती है, इसके पत्ते तिकोने
होते हैं, फल लाल रंग के होते हैं, इसकी पत्ती के चूर्ण को यदि पानी में डाल दिया जाए तो पानी जम जाता है।
असल में इसकी जड़े ही काम में लायी जाती हैं।
शरीर की गर्मी, सुजाक, आतशक तथा गठिया ये सारे भयंकर रोग हैं,
इनका उपचार फरीद बेल के काढ़े, काली मिर्च को पीसकर मिला लिया जाए
और उसमें बकरी का दूध मिलाकर रोगी को दिन में दो तीन बार पिला दिया जाए
तो कुछ ही दिनों में सब रोग भागते नजर आते हैं।