
Nagarmotha ke fayde
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Nagarmotha ke fayde
नागरमोथा
यह एक प्रकार की घास होती है, जिसकी जड़ें गांठदार होती हैं,
कुछ लोग इसे डोला घास के नाम से भी पुकारते हैं।
कब्ज-
जिन लोगों को कब्ज का रोग हो,
वे नागरमूथा की जड़ों का काढ़ा बनाकर उसमें, थोड़ी चीनी, सौंफ को भी उबालकर सुबह और रात को सोते समय दो चम्मच लेने से कब्ज रोग दूर हो जाता है।
जलपीपल
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि जल पीपल अर्थात् पानी का पीपल यह बूटी केवल नदियों के किनारों पर ही होती है।
यह सदा हरी-भरी रहती है, इस पर बैंगनी रंग की फलियां लगती हैं,
यह अधिकतर नदियां किनारे की गीली जमीन पर लेटी पड़ी नजर आती हैं।
खूनी बवासीर को दूर भगाए-
बनफसा को उबालकर उसको किसी छलनी या बारीक कपड़े से छान लें,
फिर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर खांसी के रोगी को पिला दें,
खांसी कैसी भी हो एक सप्ताह में ठीक हो जायेगी।
गले की खराबी तथा आंत रोग-
बनफसा का शर्बत दिन में तीन बार शहद मिलाकर पीने से गले की खराबी दूर हो जाती है।
विशेष रूप से जो लोग गाने वाले हैं, उनके लिए बनफसा का शर्बत बहुत लाभदायक है।
बनककड़ी
इस पौधे की लम्बाई, आधा मीटर तक होती है, इसकै पत्ते इन्सान के पंजों की तरह होते हैं,
फूल नीले, जड़ पतली होती. है।बनककड़ी
पुरानी कब्ज को दूर करे-
जिन लोगों को कब्ज रोग हो अथवा जो लोग पेट साफ करने के लिए जुलाब लेना चाहते हों
वो बन ककड़ी का रस निकालकर दो चम्मच रात को सोते समय पी लें तो उनका पेट साफ हो जायेगा।
बुखार के लिए –
साधारण बुखार वाले लोगों के लिए बनककड़ी के सूखे पत्तों का चूर्ण मिश्री मिलाकर देने से बुखार ठीक हो जाता है।