
Brinjal in Hindi
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Brinjal in Hindi – ‘Brinjal’ हिंदी में ‘बैंगन’ कहा जाता है। बैंगन के और भी अन्य नाम है जैसे ‘eggplant’ भी कहा जाता है।
कुछ सब्जियां ऐसी हैं जिन्हें दस्तरखान की शान कहा जाये तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
बैंगन का नाम इनमें सबसे ऊपर है।
जगमगाते पांच सितारा होटलों से लेकर सड़क के किनारे स्थित ढाबों तक में बैंगन का बोलबाला है।
सिर्फ भारत में ही नहीं वरन् दुनिया के अनेक देशों में बैंगन बेगुन होता है-
अर्थात् बैंगन में कोई गुण नहीं होता, परन्तु दूसरी तरफ ऐसे लोगों की कमी नहीं,
जिनके विचार में बैंगन में बहुत लौह तत्व होते हैं जो शरीर में नये रक्त की रचना करते हैं।
बैंगन की तासीर गर्म होती है।
पाचन क्रिया बढ़ाने में –
बैंगन करीब-करीब हर मौसम में उपलब्ध होता है। यह पाचन क्रिया बढ़ाने में सहायक है।
यकृत बढ़ने की शिकायत –
यदि यकृत बढ़ने की शिकायत हो तो बैंगन के सेवन से आराम मिलता है।
तिल्ली बढ़ी हुई हो –
इसी तरह अगर तिल्ली बढ़ी हुई हो तो बैंगन की सब्जी के सेवन से वह कुछ दिनों में ही सामान्य स्थिति में पहुंच जाती है।
चोट के दर्द में –
चोट के दर्द में बैंगन को भूनकर उसका रस निकाल लें
पचास ग्राम अर्क में दस ग्राम गुण मिलाकर प्रतिदिन सुबह और शाम दर्द से पीड़ित व्यक्ति को पिलायें।
इससे दर्द में बहुत आराम मिलता है।
पसीना अधिक आता हो –
अगर हाथ-पांव में पसीना अधिक आता हो तो बैंगन की लुगदी हाथ-पांव पर लगायें।
ऐसा करने से पसीना कम हो जायेगा।
बैंगन का इस्तेमाल करके देखें, आप खुद ही पायेंगे कि बैंगन बेगुन तो हरगिज नहीं है।
वह तो गुणों की खान है।