
Amaltas ke fayde
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Amaltas ke fayde
अमलतास
इसका वृक्ष काफी लम्बा होता है।
इस पर अमलतास की लम्बी-लम्बी काफी फलियां लगती हैं,
जिन्हें कुछ लोग असपली भी बोलते हैं।
अमलतास के गूदे का ही अधिक प्रयोग किया जाता है।
पेट रोगी के लिए –
जो लोग पेचिश, पेट दर्द, कब्ज के रोगी हैं, उनके लिए अमलतास का चूर्ण सेवन करना लाभदायक है।
अधिक कब्ज वाले रोगों को अमलतास का गुलकन्द बनाकर खिलाने से लाभ होता है।
गले की खराबी-
जो लोग सूजन, गले का दर्द तथा टांसल तक के रोगी हैं,
उनके लिए अमलतास केपेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर देने से रोग से मुक्ति मिलती है।
बड़ों को 10 बूंद काढ़ा तथा बच्चों के लिए 3 बूंद काढ़ा देना उपयोगी रहता है।
चर्म रोग –
चर्म रोग में अमलतास के पत्तों का रस निकालकर, गूदे को अच्छी तरह पीसकर मिला लें,
फिर शरीर के उस भाग पा लगाएं,
जहां पर यह रोग फैल रहा हो, बस कुछ ही दिन के प्रयोग से यह रोग जड़ से जाता रहेगा।
पेट में दर्द –
बच्चें के पेट में दर्द हो तो अमलतास के गूदे को पीसकर बच्चों की नाभि पर इसका लेप कर देने से दर्द ठीक हो जाता है।
पठवन
इसका पौधा 1 मीटर तक ऊंचा होता है।,
इसकी जड़ फूल पत्ते सब लाल होते हैं।
गठिया, बुखार तथा खूनी बवासीर –
इसके फलों, पत्तों को कूट कर इनका रस रोगियों को 10 दिन में तीन बार एक-एक चम्मच पिलाने से सब रोग ठीक हो जाते हैं।
पाटला
इसकी छाल खुरहरी तथा टहनियां पत्तेदार होने के साथ-साथ इनके पत्ते चौड़ाई में रहते हैं,
इसके बीज माला के मनकों की भांति गोल गुत्थे रहते हैं।
इसका प्रयोग हकीम लोग, हिचकी, प्यास, श्वांस, पेट के अन्दर के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।
इसके फूलों तथा फलों से हिचकी तथा पेट रोगों का उपचार किया जाता है।