
भृंगराज के फायदे
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भृंगराज के फायदे – भृंगराज को और भी अन्य नामों से जाना जाता है जैसे – भांगरा, भंगरैया , मार्कव भी कहा जाता है इसका वैज्ञानिक नाम Eclipta Prostrata (पहले Eclipta Alba के रूप में जाना जाता था) है।
भांगरा तीन प्रकार का होता हैा, नीले, सफेद फूला वाला तथा पीले नीले फूल वाला नील पुष्पी भांगरा पीछे फूल वाला भांगरा कहा जाता है,
इसका पौधा खड़ा भी होता है और जमीन पर लेटा भी होता है।
चर्मरोग के लिए –
चर्म रोगों के लिए भांगरा का तेल निकालकर लगाने से लाभ होता है।
खांसी तथा दांत रोगों का शत्रु –
जिन लोगों को पुरानी खांसी का रोग हो,
उनके लिए भांगरा का शर्बत अथवा इसका काढ़ा मिश्री और मुलैठी के साथ पका कर एक-एक ग्राम सुबह शाम पी लेने से पुरानी से पुरानी खांसी भी चली जाती है।
दांत दर्द के लिए –
दांत में दर्द होने पर इसका दातुन करें अथवा इसका रस निकाल कर दांतों पर मलने से रोग ठीक हो जाते हैं।
सिर दर्द होने पर –
सिर में दर्द हो तो इसके पत्तों को कूटकर उसका लेप माथे पर लगावें तो उससे सिर दर्द कुछ ही समय के पश्चात् भाग जायेगा।
भिलावा
वह वृक्ष बहुत लम्बाई में काफी ऊंचा होता है, इसका फल बहुत छोटा होता है, जिसका रस औषधि का काम करता है।
बुवासी के लिए –
भिलावा के बीजों को सरसों के तेल में पकाकर चर्म रोगी के शरीर पर मालिश करें तो उससे कुछ ही दिनों में लाभ हो जायेगा।
खारिश-खुजली के लिए –
खारिश-खुजली के रोगी को भी इस तेल से लाभ होगा।
यदि तेल की बजाए, देशी घी डाला जाए तो शीघ्र लाभ होगा।
बवासीर रोग भगाएं –
बवासीर रोगियों के लिए भी इसके पत्तों को कूटकर लेप किया जाए और बीजों को काढ़कर गाढ़ा मरहम तैयार करके बवासीर के मस्सों पर लगाने से मस्से साफ हो जाते हैं।