
बादाम खाने के फायदे
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बादाम खाने के फायदे –
वातक, लोजम, पूनम मिग्डल्लस आदि किसी अन्तरराष्ट्रीय मॉडल या सिने सितारे के नाम नहीं बल्कि एक अत्यन्त पौष्टिक, बेहद मीठा और सुस्वादु मेवा बादाम के वानस्पतिक, संस्कृत और अरबी नाम हैं।
तासीर में गर्म, रंग में भूरा और देखने में नयनाकार बादाम आमतौर से भारत के ठंडे प्रदेश में पैदा होता है।
लम्बे वृक्ष का यह फल गुठलीनुमा कठोर छाल के अन्दर छुपा होता है जिसके फूल गुलाबी सफेद और मनभावन होते हैं।
कश्मीर और जम्मू के बादाम बाग देश के उच्च श्रेणी के बादाम उत्पन्न करते हैं।
पश्चिम एशियायी देश ईराक, ईरान, संयुक्त अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय देशों में भी बादाम पाया जाता है।
ठंडे इलाकों और सर्दी में यह गुणकारी फल अत्यन्त लाभकारी और
स्फूर्तिदायक साबित होता है।
मानसिक शक्ति और स्मरण शक्ति –
रात से ही पानी में भीगे हुए पांच-सात दाने अगर सुबह नियमित खाये जायें तो मानसिक शक्ति और स्मरण शक्ति बढ़ाने में अत्यन्त सार्थक साबित होते हैं।
बादाम का उपयोग एक सूखे मेवे के रूप में काफी लोकप्रिय है।
शादी-ब्याह, त्यौहार तथा अन्य खुशी के अवसरों में इस मेवे का आदान-प्रदान शुभ माना जाता है।
मिठाई बादाम की हो या बादाम के प्रयोग मिठाई को सजाने और चार-चांद लगाने में प्रयोग किया गया हो, दोनों स्थितियों में यह सुस्वादु और पौष्टिक होता है।
शरद ऋतु के सुअवसरों पर बादाम का हलवा, लड्डू और खीर जहां जाने से जान डाल देती है, वहीं अपनी गर्म तासीर के कारण शरीर और मांसपेशियों की कार्यशक्ति बढ़ाती है।
बादाम का अचार जो कीमत में काफी महंगा होता है भोजन की शान बढ़ाता है।
सामान्यतः बादाम कठोर छिलके को फोड़ कर खाया जाता है, लेकिन बादाम के अचार में कच्चे बादाम छिलके सहित उपयोग में आते हैं।
गुणों की खान बादाम अपने तेल के लिए भी प्रसिद्ध है।
जिसके उपयोग से चमड़ी निरोगी और कांतिमय हो जाती है।
रक्त संचार तीव्र होता है, सिर में मालिश से बालों और मस्तिष्क को ओज प्रदा करता है।
सिर दर्द में भी बादाम के तेल की मालिश आराम और शक्ति प्रदान करती है।
नयनरूपी बादाम का तेल आंखें की ज्योति बढ़ाता है और नेत्र की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है।
वसा, कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन और लौह तत्व के लिए बादाम औषधि के रूप में भी लाभप्रद है।
कसैले बादाम का उपयोग मलहम और दवाई के रूप में किया जाता है।
गर्भवती स्त्रियों के लिए –
गर्भवती स्त्रियों को प्रसव से पूर्व औश्रप्रसव के बाद बादाम के लड्डू और अन्य वस्तुओं का सेवन करवाया जाता है जो कि स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाता है।
साथ ही साथ गर्भावस्था का नाम कमजोरी, शारीरिक और मानसिक दुर्बलता को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है।
पित्त, वात, कफ और सिर दर्द जैसी आम बीमारियों में बादाम रोगनाशक औषधि के रूप में प्रतिष्ठित है।
वीर्यवर्धक गुणों से परिपूर्ण बादाम का सेवन बदन के जोड़ों और हड्डियों को बलवान और मजबूत बनाता है।
रोजाना एक दो दाने बादाम, पत्थर पर घिस कर खिलाने से नन्हें बच्चे हृष्ट-पुष्ट और निरोगी होते हैं।
दिमाग के लिए-
दस बादाम की गिरी रात को पानी में भिगो कर सुबह छिलका उतार कर बारीक करके 20 ग्राम मक्खन 10 ग्राम मिश्री मिलाकर एक महीना खायें।
दिमाग की कमजोरी के लिए बहुत अच्छा है।
नजर के लिए –
बादाम की गिरी 150 ग्राम मिश्री 150 ग्राम सौंफ 150 ग्राम सबको बारीक करके रात को 250 ग्राम दूध के साथ 40 दिन खायें।
नजर तेज करेगा। दिमागी कमजोरी व याददाश्त बढ़ाने के लिए बढ़िया तरीका है।
तोतले पन के लिए –
बादाम की गिरी 50 ग्राम, चांदी के वर्क 10, दालचीनी 10 ग्राम, लौंग 3 ग्राम, पिस्ता 200 ग्राम, केसर बढ़िया 3 ग्राम सबको मिलाकर 250 ग्राम शहद में मिलाकर खुराक दिन में एक पाव दूध ।
के साथ इस्तेमाल करें। यह खुराक, बड़े आदमियों के लिए है। बच्चे को आधी खुराक दें।
यही कारण है कि बादाम अपने खाद्य और औषधीय गुणों के कारण आज एक महंगा और प्रतिष्ठावान मेवा है।