
गुलाब जल के फायदे
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गुलाब जल के फायदे – गुलाब को अंग्रेजी में Rose कहा जाता है। गुलाब के गुणों से तो हम सभी वाकिफ हैं।
अगर फलों का राजा आम है, तो फूलों का राजा गुलाब। जी हां गुलाब।
कितनी मिठास है इस नाम में फिर खुशबू के तो कहते क्या। भीनी-भीनी महक, जो कर देती है मदमस्त ।
बड़े ही खूबसूरत होते हैं गुलाब के फूल।
तभी तो नारी सौन्दर्य की तुलना गुलाब से की जाती है।
गुलाब जो कभी भंगार के लिए सजाया जाता है तो कभी श्रद्धा सुमन के रूप में चढ़ाया जाता है।
बाग-बगीचे हों, या घर-आंगन की फुलवारी, गुलाब के बिना सब अधूरे हैं।
यों तो शायद गुलाबी रंग के कारण ही यह गुलाब कहलाया, लेकिन और भी कई रंगों में खिलते हैं गुलाब।
गुलाब का स्वाद –
केवल देखने में ही सुन्दर नहीं, सेहत के लिए भी उपयोगी है यह फूल, जो अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुणों को अपने में समाये रहता है।
गुलाब स्वाद में कटु, तिक्य, कपाय होता है।
गुणों में यह शीत, रुक्ष, मेध्य, रेचक, मृदु, विरेचक, त्रिदोपहर एवं कांतिवर्धक होता है।
गुलाब रस रक्त धातु को शुद्ध करने वाला है।
इसके सेवन से पाचन शक्ति तेज होती है।
विटामिन सी –
गुलाब फल की पंखुड़ियों से पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है।
अतः विटामिन सी की कमी की पूर्ति के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
गुलाब से गुलाब जल और गुलकुंद बनाया जाता है।
गुलकंद –
मुख पाक (छाले) हो जाने पर गुलकंद का सेवन लाभकारी होता है।
इसका सेवन पसीने की अधिक मात्रा एवं दुर्गन्ध को रोकता है।
प्रतिदिन दूध के साथ गुलकंद खाने से कब्ज में लाभ मिलता है।
गुलकंद की 5-10 ग्राम मात्रा प्रतिदिन खाने से हड्डियों को बल मिलता है।
क्षय रोग (टी. बी.) से उत्पन्न कमजोरी में गुलकन्द काफी लाभदायक रहता है।
इसके सेवन से फेंफड़ों को बल मिलता है।
भोजनोपरान्त गुलकंद खाने से हाजमा ठीक होता है।
गुलाब जल नेत्रों के लिए –
गुलाब से निर्मित गुलाब जल नेत्रों के लिए अमृत तुल्य माना जाता है।
नेत्र-विकारों में गुलाब जल का प्रयोग किया जाता है।
पानी में गुलाब जल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करने से पसीने की दुर्गन्ध दूर होती है।
गुलाब में गोपी चन्दन मिलाकर लेप करने से दाह में आशातीत लाभ होता है।
गुलाब के पुष्पों को छाल के साथ पीसकर यकृत वाले भाग पर लेप करने से यकृत शोध में फायदा होता है।
आंखों में जलन या अन्य विकार होने पर आंखों में गुलाब जल डालने से लाभ मिलता है।
कान के लिए –
गुलाब की पत्तियों के स्वरस की कुछ बूंदें कान में टपकाने से कर्णशूल में राहत मिलती है।
गर्मी के दिनों में जिन लोगों को घबराहट और बेचैनी महसूस होती है और दिल की धड़कन तेज हो जाती हो तो ऐसे में उन्हें गुलाब के पुष्पों को प्रातःकाल धोकर चबाकर खाना चाहिए, इससे आराम मिलता है।
मसूढ़े और दांत मजबूत के लिए –
गुलाब की पंखुड़ियों के सेवन से मसूढ़े और दांत मजबूत होते हैं। दांतों से निकलने वाली दुर्गन्ध दूर हो जाती है।
साथ ही पाइरिया रोग में भी राहत मिलती है।
होठों के लिए –
गुलाब की पत्तियों को पीसकर रस में ग्लिसरीन मिलाकर सूखे होठों पर लगाने से होठों की चमक शीघ्र लौट आती है।
गुलाब की पंखुड़ियों को दूध में पीसकर बोरिक पाउडर मिलाकर चेहरे पर मलने से मुहांसे दूर होते हैं और चेहरे का रंग भी निखरता है।
विविध पकवान और मिठाइयों में खुशबू के लिए गुलाब की पत्तियों और गुलाब जल डाला जाता है।
गुलाब के फूलों का इत्र तो तन-मन को महका देता है।
गुलाब की बढ़ती मांग को देखते हुए आजकल इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और यह विदेशों में निर्यात किया जा रहा है।
बस यूं समझ लीजिए कि हर क्षेत्र में गुल खिला रहा है गुलाब।