
Shatavari ke fayde
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Shatavari ke fayde – सतावर का दूसरा नाम “सतावरी” या “सतमूल” भी है। सतावरी को अंग्रेजी में “Asparagus” कहा जाता है।
शतावरी एक बहुत अधिक गुणकारी औषधि है जो पूरे परिवार को सेहतमंद बनाने में मदद करती है।
लेकिन महिलाओं के लिए वरदान से काम नहीं है
यह एक कांटेदार बेल है, जिसके ऊपर कांटे मुड़े हुए होते हैं, इसकी जड़ें सतवार के नाम से बिकती हैं।
इसके पत्तों की सब्जी बनती है।
शतावरी हमारे शरीर में वात और पित्त दोनों को बैलेंस करतीं हैं।
बवासीर के रोगियों के लिए –
बवासीर को रोके इसकी सब्जी बवासीर के रोगी को बनाकर खिलायी जाए तो खूनी बवासीर ठीक हो जाती है। यह चालीस दिन का कोर्स है।
सुजाक रोग को भगाए –
सुजाक में रोगियों को ताजा जड़ी का रस निकालकर पिलाया जाए तो कुछ ही दिनों के सेवन के पश्चात् सुजाक रोग दूर हो जाता है।
खूनी पेचिश के लिए –
शतावर की जड़ का काढ़ा या चूर्ण आधा ग्राम दिन में दो-तीन बार दिया जाए तो खूनी पेचिश रुक जाती है।
प्रजनन क्षमता बढ़ाने में –
शतावरी में ऐसे गुण होते हैं जो महिला और पुरुष दोनों के प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। महिलाओं के लिए यह गर्भाशय की मांसपेशियों को बोल देने वाला है।
कोलेजन संश्लेषण बढ़ाने में –
शतावरी हमारे शरीर में कोलेजन उत्पाद को बढ़ाती है जिससे हमारी त्वचा को Anti – Aging बनाने का काम करती हैं।
तनाव को दूर करने में –
शतावरी हमारे टेंशन डिप्रैशन को दूर करने में या काम करने में हमारी सहायता करती हैं।
महावारी के समय –
महावारी के दौरान यदि आपको बहुत अधिक रक्त स्राव होता है। खून की कमी है या एनीमिया है पेज में , कमर में बहुत अधिक दर्द रहती हैं या बहुत अधिक थकावट रहती है तो उसके लिए भी फायदेमंद है।
हार्मोनल असंतुलन ठीक करने में –
यदि किसी महिला को हार्मोनल असंतुलन की समस्या है तो यह समस्या शतावरी के द्वारा ठीक किया जा सकता हैं। इसका प्रयोग दिन में एक या दो बार प्रयोग किया जा सकता है।
स्तनपान की समस्या –
यदि किसी धात्री महिला को दूध नहीं आता और वह अपने बच्चों की दूध की मात्रा पूरे करने में असक्षम है तो शतावरी का प्रयोग करना उन महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।