
Chirata benefits in hindi
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Chirata benefits in hindi – चिरायता को अंग्रेजी में ‘Swertia chirata’ कहा जाता है।
यह बूटी हिमालय की पहाड़ियों में पैदा होती है, इसका पौधा 1 मीटर तक लम्बा होता है।
चिरायता में अनेक बीमारियों से लड़ने की शक्ति है,
जैसा कि
दोपन की समस्या के लिए –
यदि किसी को दोपन की समस्या है तो वे अवश्य ही चिरायता का प्रयोग करें।
इससे आपकी दोपन की समस्या दूर होती हुई दिखाई देगी।
पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए –
चिरायता के प्रयोग से पाचन शक्ति मजबूत होती हैं और शरीर में नमी ऊर्जा सी महसूस होती हैं।
पौष्टिक गुण –
चिरायता में अनेकों प्रकार के पौष्टिक गुण होते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
बुखार को दूर करने में –
घर पर किसी को बुखार हो तो उसे थोड़ी सी चिरायता दे दें तो बुखार से राहत मिलती हैं।
यदि शरीर में हमेशा गर्मी बनी रहती है तो उसे शांत करने के लिए चिरायता बहुत फायदेमंद औषधि है।
पित्त रोगों के लिए –
जो लोग पित्त के रोगी हैं उनके लिए चिरायता बहुत फायदेमंद परिणाम देता है। चिरायता का प्रयोग करना प्रारंभ कर दें।
जैसे अनेक रोगों में चिरायता बहुत लाभकारी है।
हिचकी रोग गर्भावस्था में वमन हो अथवा किसी को शराब पीने के पश्चात् वमन हो रहा हो उसे चिरायता का चूर्ण खिला दें तो सब रोगों से होने वाले दर्द में लाभ होगा।
कम्पिलक
इसके वृक्ष सदा हरे रहते हैं, जो कद में काफी ऊंचे होते हैं।
इसकी छाल मोटी और खाकी रंग की होती है, परन्तु अन्दर से लाल रंग की होती है।
पत्ते गूलर के पत्तों की भांति लम्बे चौड़े अण्डाकार होते हैं, इसके फल को कबीला कहते हैं।
कुछ लोग इसे कबीले वायविडंग का रस भी कहते हैं।
उदरस्थ कृमि विशेष रूप से स्फीतकृमि रोग में इसे 8 ग्राम चूर्ण दूध दही या मधु के साथ सेवन करवाने से इन सब रोगों में लाभ होता है
चर्म रोगों के लिए-
इन सब रोगों के लिए कबीला को बारीक पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है।
आधा ग्राम अथवा 1/4 ग्राम ही इसकी खुराक दिन में एक बार दी जा सकती है।