फ्रेनेल दूरी किसे कहते हैं ?

फ्रेनेल दूरी :-

फ्रेनेल दूरी किसी स्लिट से वह दूरी है जहाँ तक प्रकाश का फैलाव स्लिट के आकार (size) के बराबर होता है। इसे Zfसे प्रदर्शित करते हैं।

एकल स्लिट के विवर्तन प्रतिरूप में केंद्रीय उच्चिष्ठ के किसी एक ओर उससे प्रथम निम्निष्ठ की कोणीय स्थिति निम्न समीकरण द्वारा दी जाती है –

θ = λ/d

यदि स्लिट से पर्दे की दूरी D हो तो केन्द्रीय उच्चिष्ठ का रैखिक फैलाव

y = D.θ

y = λD/d….(1)

यदि यह फैलाव स्लिट के आकार का हो अर्थात् y= d हो तो D = Zf

समीकरण (1) में मान रखने पर ,

d = λZf/ d

Zf = d² / λ …(2)

यह फ्रेनेल दूरी के लिए व्यंजक है।

अतः यदि स्लिट से पर्दे के बीच की दूरी D फ्रेनेल दूरी Zf से कम है तो विवर्तन प्रतिरूप अनुपस्थित होगा।

दूरी D के Zf से अधिक होने पर ही विवर्तन प्रतिरूप प्राप्त होता है।

अतः किरण प्रकाशिकी तरंग प्रकाशिकी का सीमांत रूप होता है।

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