रैखिक आवर्धन

रैखिक आवर्धन (Linear magnification)

रैखिक आवर्धन –

हम जानते हैं कि लेंस सम्मुख विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब का आकार भिन्न भिन्न होता है।

लेंस के द्वारा बने प्रतिबिम्ब की लम्बाई और वस्तु की लम्बाई के अनुपात को रैखिक आवर्धन कहते हैं।

इसे m से प्रदर्शित करते हैं।

सूत्र के रूप में ,

रैखिक आवर्धन = प्रतिबिम्ब की लम्बाई / वस्तु की लम्बाई

m = I / O

जहाँ , I = प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा O = वस्तु की लम्बाई
दोनों लेंसों के लिए ,

I / O = v / u
इस प्रकार ,

रैखिक आवर्धन = प्रतिबिम्ब की लम्बाई / वस्तु की लम्बाई

 = लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी / लेंस से वस्तु की दूरी

अतः लेंस से प्रतिबिम्ब की दूरी और वस्तु की दूरी के अनुपात को प्रतिबिम्ब का रैखिक आवर्धन कहते हैं।

लम्बन (Parallex

यदि दो वस्तुओं को एक ही सीध में देखें तो वे सम्पाती (Coincident) दिखाई देती हैं ,

किन्तु यदि वे एक ही स्थान पर नहीं हैं ,

तो आँख को दाँयी ओर या बाँयी ओर हटाने पर उनमें सापेक्ष विस्थापन ( दोनों का विपरीत दिशा में हटना ) होने लगता है।लम्बन (Parallax)

दूर स्थित वस्तु आँख की दिशा में तथा निकट स्थित वस्तु आँख की विपरीत दिशा में चलती प्रतीत होती है।

इस सापेक्ष विस्थापन को ही लम्बन कहते हैं।

इस प्रकार दो वस्तुओं को एक ही सीध में रखकर आँख को दाँयी ओर या बाँयी ओर हटाने पर उनमें जो सापेक्ष विस्थापन होता है , उसे लम्बन कहते हैं।

यदि वस्तुएं अधिक दूरी पर स्थित हैं , तो उनमें लम्बन अधिक होता है।

ज्यों ज्यों उन्हें पास लाते हैं , त्यों त्यों उनमें लम्बन दूर होता जाता है।

जब दोनों वस्तुएं एक ही स्थान पर आ जाती हैं या एक दूसरे के ऊपर होती हैं तो उनमें लम्बन पूर्णतया समाप्त हो जाता है।

गोलीय पृष्ठ पर प्रकाश का अपवर्तन –

अवतल पृष्ठ पर अपवर्तन –

उत्तल पृष्ठ पर अपवर्तन –

मुख्य फोकस (Principal Focus) किसे कहते हैं ?

लेंस (Lens) किसे कहते हैं

educationallof
Author: educationallof

22 thoughts on “रैखिक आवर्धन

  1. Hello, Neat post. There’s a problem together with your website in internet explorer, could check thisK IE still is the marketplace leader and a large component of other people will omit your magnificent writing because of this problem.

Comments are closed.

error: Content is protected !!