सर्वनाम किसे कहते हैं
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सर्वनाम किसे कहते हैं
परिभाषा –
“संज्ञा के स्थान पर प्रयोग में आने वाले शब्द को सर्वनाम कहते हैं।”
पंडित कमलाप्रसाद गुरू के शब्दों में, “सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते हैं, जो पूर्वा पर सम्बन्ध से किसी संज्ञा शब्द के बदले में आता है।”
उदाहरण –
मैं, तुम, वह, यह , इत्यादि।
सर्वनाम के भेद
प्रयोग के आधार पर सर्वनाम के 6 भेद हैं-
1. पुरुषवाचक,
2. निजवाचक,
3. निश्चयवाचक,
4. अनिश्चयवाचक,
5. सम्बन्धवाचक,
6. प्रश्नवाचक
1. पुरुषवाचक सर्वनाम-
जिस सर्वनाम का प्रयोग स्त्री या पुरुष के नाम के स्थान पर किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
उदाहरण –
मैं, हम, तुम, तू, आप, वह, वे, ये आदि। इसके तीन भेद हैं
(क) उत्तम पुरुष-
मैं, हम ।
(ख) मध्यम पुरुष –
तू, तुम, आप ।
(ग) अन्य पुरुष –
यह , ये , वे , वह ।
2. निजवाचक सर्वनाम –
जो सर्वनाम कर्ता के लिए प्रयोग में आते हैं, उन्हें ‘निजवाचक सर्वनाम कहते हैं
उदाहरण –
आप, अपना, अपनी, अपने, निजी, स्वकीय, खुद, स्वयं आदि।
3. निश्चयवाचक सर्वनाम –
जिस सर्वनाम शब्द से किसी बात का निश्चय होता है, उसे निश्चयवाक सर्वनाम’ कहते हैं।
उदाहरण –
(क) यह पुस्तक मेरी है। (पास की पुस्तक के लिए)
(ख) वह उसकी बहन है। (दूर की वस्तु के लिए)
यहाँ, ‘यह’, ‘वह’ निश्यचयवाचक सर्वनाम शब्द हैं।
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम-
जिस सर्वनाम शब्द से किसी निश्चित वस्तु का बोध नहीं होता है, उसे ‘अनिश्चयवाचक सर्वनाम‘ कहते हैं।
उदाहरण –
(i) यहाँ कोई नहीं है।
(ii) उसने कुछ नहीं सीखा।
(iii) राष्ट्रपति की किसी को चिंता नहीं है।
यहाँ ‘कोई’, ‘कुछ’, ‘किसी’ शब्द अनश्चियवाचक सर्वनाम हैं।
5. सम्बन्धवाचक सर्वनाम –
जो सर्वनाम दो वस्तुओं या बातों के आपसी सम्बन्ध को प्रकट करे, उसे ‘सम्बन्धवाचक सर्वनाम’ कहते हैं।
उदाहरण –
(i) जो मेहनत करता है, वह फल पाता है।
(ii) जो जैसा बोयेगा, वह वैसा काटेगा।
यहाँ जो, जैसा आदि सम्बन्धवाचक सर्वनाम हैं।
6. प्रश्चनवाचक सर्वनाम –
जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध होता है, उसे ‘प्रश्नवाचक सर्वनाम‘ कहते हैं।
उदाहरण –
(i) वह कौन आ रहा है ?
(ii) तुम क्या कर रहे हो ?
यहाँ ‘कौन’, ‘क्या’ प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।
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