विद्युत शक्ति की परिभाषा , मात्रक एवं विमीय सूत्र

विद्युत शक्ति :-

किसी विद्युत् परिपथ में ऊर्जा क्षय होने की दर को विद्युत शक्ति कहते हैं।

अथवा

किसी विद्युत् परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर कार्य होने की दर को विद्युत् शक्ति कहते हैं। इसे प्रायः P से प्रदर्शित करते हैं।

यदि किसी विद्युत् परिपथ में t समय में ऊर्जा क्षय (या किया गया कार्य) W हो , तो

शक्ति P = W / t ……(1)

विद्युत शक्ति का मात्रक :-

S.I. पद्धति में शक्ति का मात्रक वाट (watt – संकेत W) है।

यदि W=1 जूल तथा t = 1 सेकण्ड हो , तो समीकरण (1) से ,

P = 1 जूल / 1 सेकण्ड = 1 जूल/सेकण्ड = 1 वाट।

अतः यदि किसी परिपथ में 1 जूल प्रति सेकण्ड की दर से ऊर्जा का क्षय हो रहा हो , तो परिपथ की विद्युत् शक्ति 1 वाट कहलाती है।

अनेक कार्यों के लिए वाट छोटा मात्रक होता है। अतः इसके स्थान पर बडे़ मात्रक किलोवाट या मेगावाट का प्रयोग करते हैं।

1 किलोवाट = 10³ वाट ,

1 मेगावाट = 10⁶ वाट।

यान्त्रिकी में प्रायः शक्ति का मात्रक अश्व शक्ति (Horse Power – संकेत H.P.) है।

1 अश्व शक्ति (H.P.) = 746 वाट

वाट की दूसरी परिभाषा :-

यदि किसी विद्युत् परिपथ में V वोल्ट विभवान्तर पर I ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही हो , तो t सेकण्ड में क्षय हुई विद्युत् ऊर्जा W =VIt

सूत्र P = W/t में मान रखने पर ,

P = VIt/t

P = VI वाट ……..(2)

शब्दों में ,

विद्युत् शक्ति (वाट में ) = विभवान्तर (वोल्ट में ) × धारा (ऐम्पियर में )

यदि P =1 वोल्ट तथा I = 1 ऐम्पियर हो , तो समीकरण (2) से ,

P = 1 वोल्ट × 1 ऐम्पियर = 1 वाट

अतः किसी परिपथ की विद्युत् शक्ति 1 वाट कहलाती है , यदि 1 वोल्ट के नियत विभवान्तर पर उसमें 1 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है।

परन्तु V =IR

अतः समीकरण (2) में मान रखने पर ,

P = I²R वाट ……(3)

परन्तु I = V/R

अतः समीकरण (3) में रखने पर ,

I = V²/R वाट

समीकरण (2) , (3) और (4) विद्युत् शक्ति के लिए व्यंजक है।

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता :-

एकल स्लिट द्वारा प्रकाश का विवर्तन :-

चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता :-

दण्ड चुम्बक पर बल आघूर्ण :-

कूलॉम का व्युत्क्रम वर्ग-नियम:-

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