लॉजिक गेट क्या है
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लॉजिक गेट क्या है
ऐसे विद्युत् परिपथ को जो किसी सिगनल को जाने देते हैं और किसी सिगनल को रोक देते हैं, लॉजिक गेट्स कहते हैं।
लॉजिक गेट्स साधारण स्विचों, अर्द्धचालकों, ट्रांजिस्टर आदि के संयोग द्वारा बनाये जाते हैं।
ये परिपथ किसी सिगनल को तभी जाने देते हैं जब वे निर्धारित तार्किक प्रतिबंधों के अनुरूप हों।
लॉजिक गेट्स कुछ पूर्व निर्धारित तार्किक प्रतिबंधों द्वारा निवेशी और निर्गत सिगनलों का नियंत्रण करते हैं।
लॉजिक गेट्स में एक या एक से अधिक निवेशी सिगनल हो सकते हैं किन्तु निर्गत सिगनल केवल एक ही होता है।
मूल रूप से तीन लॉजिक गेट्स हैं
(i) OR गेट ,
(ii) AND गेट और
(iii) NOT गेट।
इन मूलभूत गेट्स के संयोग से कई अन्य गेट्स बनाये जाते हैं जैसे NOR गेट, NAND गेट, XOR गेट,
XNOR गेट आदि।
प्रत्येक लॉजिक गेट को एक निश्चित चिन्ह (प्रतीक) द्वारा व्यक्त करते हैं।
उनकी कार्यप्रणाली को बुलियन पद (Boolean expression) या सत्य सारणी (Truth table) द्वारा व्यक्त किया जाता है।
चूँकि डिजिटल सिगनल को 0 या 1 से प्रदर्शित करते हैं, बूलियन पद या सत्य सारणी को भी 0 और1 के रूप में निवेशी एवं निर्गत अवस्थाओं में प्रयुक्त किया जाता है।
बूलियन पद-
19वीं शताब्दी में जार्ज बूले (Boole) ने 0 और 1 द्विअंकोय प्राचलों की गणितीय विवेचना हेतु एक प्रणाली विकसित की थी,
जिसे बूलियन बीजगणित कहते हैं।
0 एवं 1 का सम्बन्ध उन अंकों के लाक्षणिक मान से नहीं था। इन प्राचलों के लिए तार्किक कथन प्रस्तुत किये गये जो लॉजिक गेट्स द्वारा दर्शाये जा सकें।
वे तार्किक कथन जो लॉजिक गेट्स द्वारा निर्धारित हों, बूलियन पद कहलाते हैं।
सत्य सारणी (Truth Table) –
सत्य सारणी, वह सारणी होती है जिसमें निवेशी सिगनलों एवं
निर्गत सिगनलों का प्रतिरूपण किया जाता है।
प्रत्येक गेट की संक्षिप्त विवेचना नीचे दी जा रही है
1.OR गेट
2. AND गेट
3. NOT गेट
और अधिक जानें –
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बूलियन बीजगणित (Boolean algebra)
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Logic gates , laws of boolean algebra , Demorgan’s theorems