कक्षा और कक्षक में अंंतर (Difference between orbit and orbital)
Table of Contents
देखे कक्षा और कक्षक में अंंतर (Difference between orbit and orbital)
कक्षा (Orbit)
1. यह नाभिक के चारों ओर अच्छी तरह से परिभाषित वृत्ताकार पथ है जिस पर इलेक्ट्रॉन घूमते हैं।
2. कक्षाये वृत्ताकार या दीर्घवृत्ताकार( Elliptical) होता है।
3. यह इलेक्ट्रॉन के एक तल में गति को प्रर्दशित करता है।
4. किसी कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनो की संख्या 2n the power 2 हो सकती हैं
जहां n कक्षा की संख्या हैं।
5. इससे यह ज्ञात होता है कि इलेक्ट्रॉन के संवेग व स्थति का सही निर्धारण एक साथ किया जा सकता है।
अर्थात् यह हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत के विरुद्ध है।
6. कक्ष दिशात्मक (Directional) प्रकृति के नहीं होते हैं।
कक्षक ( Orbital)
1. यह त्रिविमीय अंतरिक्ष का नाभिक के चारों ओर का वह क्षेत्र है
जिसमें इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की संभावना अधिकतम होती हैं।
2. कक्षक वृत्ताकार, डमरू( Dumb- bell ) के समान या (Double Dumb-Bell) दो डमरू के आकार के हो सकते हैं।
3. यह इलेक्ट्रॉन के वेग को त्रिविमीय क्षेत्र में प्रर्दशित करता है।
4. किसी कक्षक में अधिकतम 2 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं।
5. इससे यह ज्ञात होता है कि इलेक्ट्रॉन की स्थिति व संवेग का सही – सही निर्धारण एक साथ नहीं किया जा सकता
यह हाइजेनबर्ग के सिद्धांत के अनुरूप है।
6. s कक्षक को छोड़कर सभी कक्षक दिशात्मक होते हैं।
आॅर्बिटल (कक्षक) किसे कहते हैं। (Orbital)
नाभिक से अनन्त दूरी पर इलेक्ट्रॉन घनत्व की प्रायिकता कभी शून्य नहीं होती।
अतः एक ऐसी boundary खींचना संभव नहीं है जिसके भीतर 100% प्रायिकता वाला क्षेत्र हो,
तथापि सरलता हेतु एक ऐसी boundary बनायी जा सकती है
जहां इलेक्ट्रॉन घनत्व पाये जाने की प्रायिकता अधिकतम लगभग 90%-95% हो।
नाभिक के चारों ओर अंतरिक्ष (space) का वह क्षेत्र जहां इलेक्ट्रॉन पाये जाने की अधिकतम प्रायिकता होती है,आर्बिटल (कक्षक) कहलाता है।
माध्यिका (Median) किसे कहते हैं ?
दोलन चुम्बकत्वमापी (Vibration Magnetometer)
चुम्बकीय प्रवृत्ति (Magnetic susceptibility)